लंका भोग की और भारत समर्पण त्याग कर्तव्य निष्ठा प्रेम प्रार्थना और परमात्मा की भूमि है – सुलभ शांतु गुरु जी

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) सामाजिक न्याय परिसर में चल रही नव दिवसीय श्रीराम कथा के पंचम दिवस पर विश्वामित्र और दशरथ संवाद सुनाते हुए श्री रामकथा मर्मज्ञ सुलभ शांतु गुरुजी ने कहा कि जिससे हमारी पह्चान है उसके प्रति कृतज्ञता का भाव होना चाहिए जिस कुल में हम जन्मे हैं जिस जाति वर्ण के हैं जिस शहर में हम रहते हैं जिस पर देश की हम वासी हैं और जो हमारा देश है इनसे हम भी जाने अनजाने में बहुत कुछ पाते हैं इसलिए हमारा इनके प्रति कृतज्ञता का भाव होना चाहिए। पशु और पुरुष में अंतर होता है खाना पीना और सोना ही जीवन नहीं है। साथ ही कहा कि जो राष्ट्र भोग का विचार या प्रचार करता है उसे ग़ुलाम होने में ज़्यादा समय नहीं लगता राजा ही राष्ट्र को अब होकर जाता है ऐसा कई बार देखा गया है लंका भोग की प्रतीक हैं और भारत त्याग का। राष्ट्र का केवल भोग न हो उसके प्रति त्याग समर्पण की भावना होना आवश्यक है। लंका भोग की लोभ की रावण की भूमि है और भारत समर्पण त्याग कर्तव्य निष्ठा प्रेम प्रार्थना और परमात्मा की भूमि है। जिस देश की भूमि में समर्पण त्याग निष्ठा कर्तव्य का बीज बोया जाता है है वहाँ समृद्धि प्रसन्नता ख़ुशहाली की फ़सल लहलहाती है। श्रीराम राष्ट्रवाद के परिचय हैं श्रीराम राष्ट्रभावना के प्रतीक हैं।

श्री बाल हनुमान आयोजन समिति एवं करुणा आश्रय सेवा न्यास के तत्वावधान में आयोजित श्री राम कथा में सुलभ शांतु गुरुजी ने कहा कि जीवन में जब शक्ति हो तो उसे बाँटना चाहिए। शुभ करने का समर्थ हो तो उसे टालना नहीं चाहिए क्योंकि यदि आपने नहीं बाँटा तो सतत बनने वाली ऊर्जा स्वयं मार्ग ढूँढ लेगी यानी शक्ति होने पर पुण्य नहीं कर पाए तो ये उर्जा विचलित करेगी और फिर पाप होगा। जैसे नदी बहती रहती है तो शुद्ध  होती है पवित्र रहती है पीने योग्य होती है लेकिन डबरा बन गई तो सड़ जाती है देने से डरें नहीं जिसने आज दिया है वो कल भी देगा वो प्रतिपल देता है ये भ्रम है कि देने से घट जाता है पर ये ज़रूर है ना देने से मर ज़रूर जाता है। आपने साथ ही कहा कि भक्ति में लेने वाले का कोई महत्व नहीं है वहाँ तो जो अपना सर्वस्व देने को तैयार है उसकी प्रतिष्ठा है जो जीवन देने को तैयार हूँ वहीं भक्ति कर सकता है। आयोजन समिति ने सामाजिक न्याय परिसर में प्रतिदिन सांय 4 से 7 बजे तक हो रही कथा में शहर की धर्म प्राण जनता से शामिल होने का अनुरोध किया है।