दिल्ली,(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) नई शिक्षा नीति के तहत केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र पर देश की जीडीपी के 6 प्रतिशत हिस्से के बराबर निवेश का लक्ष्य रखा गया है. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ही ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ का नाम बदल कर ‘शिक्षा मंत्रालय’ करने को भी मंज़ूरी दी गई है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूली पढाई से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बदलाव किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों का पूर्ण रूप से विकास और उन्हें विश्व स्तर पर सशक्त बनाना है. नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. पहली बार मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम लागू किया गया है. इससे उन छात्रों को बहुत फ़ायदा होगा जिनकी पढ़ाई बीच में किसी वजह से छूट जाती है. जब प्रधान ने शिक्षा मंत्री का पद संभाला था तब उन्होंने कहा था कि उनका ध्यान राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को समयबद्ध तरीके से हासिल करने पर रहेगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के एक साल पूरा होने पर राष्ट्र को वर्चुअली संबोधित करते हुए गुरूवार को कहा कि बीते एक वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में कोरोना काल के दौरान शिक्षकों ने काफी मेहनत की है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी शिक्षा नीति पर काफी काम हुआ है. नई शिक्षा नीति के जरिए नए भविष्य का निर्माण होगा. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आठ राज्यों में 14 इंजीनियरिंग कॉलेज पांच भारतीय भाषाओं-हिंदी, तमिल, तेलुगू, मराठी, बांग्ला में पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं. उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक साल पूरा होने पर सभी देशवासियों और सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बीते एक वर्ष में देश के आप सभी महानुभावों, शिक्षको, प्रधानाचार्यों, नीतिकारों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में बहुत मेहनत की है. उन्होंने कहा कि भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में यानि आज कैसी शिक्षा दे रहे है, कैसी दिशा दे रहे हैं. मैं मानता हूं भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में बड़े factors में से एक है.
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का आज का युवा अपनी व्यवस्थाएं, अपनी दुनिया खुद अपने हिसाब से बनाना चाहता है. इसलिए, उसे exposure चाहिए, उसे पुराने बंधनों, पिंजरों से मुक्ति चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ हैं. जिस आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के प्रोग्राम को अभी लॉंच किया गया है, वो भी हमारे युवाओं को future oriented बनाएगा, AI driven economy के रास्ते खोलेगा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने-आपने दशकों से ये माहौल देखा है जब समझा जाता था कि अच्छी पढ़ाई करने के लिए विदेश ही जाना होगा. लेकिन अच्छी पढ़ाई के लिए विदेशों से स्टूडेंट्स भारत आयें, बेस्ट institutions भारत आयें, ये अब हम देखने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज बन रही संभावनाओं को साकार करने के लिए हमारे युवाओं को दुनिया से एक कदम आगे होना पड़ेगा, एक कदम आगे का सोचना होगा. हेल्थ हो, डिफेंस हो, इनफ्रास्ट्रक्चर हो, टेक्नालजी हो, देश को हर दिशा में समर्थ और आत्मनिर्भर होना होगा.मुझे खुशी है कि 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज, 5 भारतीय भाषाओं- हिंदी-तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं. इंजीनिरिंग के कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए एक टूल भी develop किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि भारतीय साइन लैंग्वेज को पहली बार एक भाषा विषय यानि एक विषय का दर्जा प्रदान किया गया है. अब छात्र इसे एक भाषा के तौर पर भी पढ़ पाएंगे। इससे भारतीय साइन लैंग्वेज को बहुत बढ़ावा मिलेगा, हमारे दिव्यांग साथियों को बहुत मदद मिलेग. नई शिक्षा नीति 2020 पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी मौजूद हैं. नई शिक्षा नीति को एक साल पहले आज के दिन ही लागू किया गया था. इससे पहले, 34 साल पुरानी शिक्षा नीति में बदलाव किया गया था. धर्मेन्द्र प्रधान ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस शिक्षा नीति के तहत भारत वैश्विक शक्ति बनेगा.
नई शिक्षा नीति के तहत केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र पर देश की जीडीपी के 6 प्रतिशत हिस्से के बराबर निवेश का लक्ष्य रखा गया है. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ही ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ का नाम बदल कर ‘शिक्षा मंत्रालय’ करने को भी मंज़ूरी दी गई है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूली पढाई से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बदलाव किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों का पूर्ण रूप से विकास और उन्हें विश्व स्तर पर सशक्त बनाना है. नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. पहली बार मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम लागू किया गया है. इससे उन छात्रों को बहुत फ़ायदा होगा जिनकी पढ़ाई बीच में किसी वजह से छूट जाती है. जब प्रधान ने शिक्षा मंत्री का पद संभाला था तब उन्होंने कहा था कि उनका ध्यान राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को समयबद्ध तरीके से हासिल करने पर रहेगा.
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