10वीं की बोर्ड परीक्षा में पूछा गया ‘आजाद कश्मीर’ पर सवाल, नाराज हुए सीएम कमलनाथ

भोपाल, (स्वदेश mp न्यूज़…संजय कुमार जैन) मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से जारी राजनीतिक उठापठक के बीच अब एक नया मामला सामने आया है जिस पर राज्य की कमलनाथ सरकार की किरकिरी होनी तय मानी जा रही है. दरअसल, 10वीं बोर्ड की परीक्षा में सामाजिक विज्ञान के पेपर में एक अजीब सवाल किया गया है. आप को बता दें कि शनिवार को हुए 10वीं बोर्ड के प्रश्नपत्र में भारत के नक्शे में आजाद कश्मीर दिखाने को कहा गया है. इसके अलावा सही जोड़ मिलाने वाले कॉलम में भी आजाद कश्मीर का विकल्प दिया गया है. बोर्ड के प्रश्नपत्र में आजाद कश्मीर से जुड़ा सवाल पूछे जाने पर राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है.   ताजा जानकारी के मुताबिक 10वीं की बोर्ड परीक्षा में सामाजिक विज्ञान के पेपर में आजाद कश्मीर वाले सवालों को निरस्त कर दिया गया है. अब इस प्रश्नपत्र में 100 की जगह 90 अंकों के आधार पर ही मूल्यांकन किया जाएगा.एमपी बोर्ड की 10वीं की परीक्षा के सामाजिक विज्ञान के पेपर में पूछे गये आपत्तिजनक प्रश्न पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गहरी नाराजगी जताते हुए इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर उक्त आपत्तिजनक प्रश्न सेट करने वाले और उसे चेक करने वाले शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.जानकारी के मुताबिक सामाजिक विज्ञान के पेपर में आजाद कश्मीर वाला सवाल पूछने पर मॉडरेटर रजनीश जैन और नितिन सिंह जाट नाम के दो शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है. बताया जा रहा है कि नितिन सिंह जाट ने वह प्रश्नपत्र बनाया था जबकि मॉडरेटर रजनीश जैन ने उसका परीक्षण किया था. इन दोनों को ही निलंबित किया गया है.

आपको बता दें कि आजाद कश्मीर मूल रूप से पाकिस्तान की तरफ से कहा जाता है. जबकि भारत में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को पीओके या पाक अधिकृत कश्मीर कहा जाता है. वहीं बीजेपी ने भी इस मामले में सरकार पर हमला बोला है और कमलनाथ और सोनिया गांधी से माफी की मांग की है.

बीजेपी बोली- चूक नहीं सोची समझी नीति

राज्य सरकार और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, “ये वही भाषा है, जो लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन जी बोलते हैं, जिसे पाकिस्तान और अलगाववादी बोलते हैं, कुछ कांग्रेसी और वामपंथी बोलते हैं. ये कोई चूक नहीं सोची समझी नीति है. इस पर सिर्फ कमलनाथ जी नहीं बल्कि सोनिया जी को भी जवाब देना चाहिए.”

फ़ाइल् चित्र