जानकारी के मुताबिक संभल के पुराणिक काल में सामने आए नक्शे में भी इस कूप को दर्शाया गया है. फिलहाल खुदाई के दौरान किसी तरह का बवाल न होने पाए, इसलिए पुलिस बल की भी तैनाती कर दी गई है. साथ ही मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक श्रीशचंद्र भी मौजूद हैं.यह कूप संभल सदर कोतवाली इलाके में जामा मस्जिद रोड पर मस्जिद से महज 50 मीटर की दूरी पर स्थित है. अपर पुलिस अधीक्षक श्रीशचंद्र ने बताया कि प्रचीन कूप को मिट्टी से पाट दिया गया था. जिसके बाद इसकी खुदाई करवाई जा रही है. मौके पर भारी पुलिस बल की भी तैनाती की गई है.
इधर, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग ने पिछले साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान दंगों से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने और गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए मंगलवार को संभल का दौरा किया था. पिछले साल 1 दिसंबर को गठित आयोग ने शाही जामा मस्जिद क्षेत्र सहित घटनास्थल को दोबारा दौरा किया है.
संभल में जांच के लिए पहुंचे प्रतिनिधिमंडल के साथ जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया, पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई और मुरादाबाद पुलिस रेंज के डीआईजी मुनिराज जी भी थे. आयोग के सदस्यों के नेतृत्व में टीम ने एक घंटे से अधिक समय तक निरीक्षण किया था. इसके बाद संभल के चंदौसी रोड पर पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में चले गए.
24 नवंबर को भड़क गई थी हिंसा
24 नवंबर 2024 को संभल की जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भीड़ ने हिंसा फैलाई थी. इस हिंसा में भीड़ ने गाड़ियों में आगजनी और पुलिस पर पत्थरबाजी भी की थी. इस दंगे के दौरान चार लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्य न्यायिक जांच आयोग गठित किया था.
1 दिसंबर 2024 को न्यायिक जांच आयोग संभल हिंसा की जांच करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा और पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन पहुंचे थे, लेकिन पूर्व प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद नहीं पहुंच पाए थे. इसके बाद आज मंगलवार सुबह 10 बजे न्यायिक आयोग की पूरी टीम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पहुंची.