जातियों में बांट दिया भगवान और महापुरुषों को यह तुम्हारे तो यह हमारे ……  स्वर्णिम भारत मंच के बैनर तले पहली बार 40 से अधिक समाज प्रतिनिधि  हुए एक मत ….भगवान सबके मिलजुलकर होंगे आयोजन

उज्जैन ।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) भगवान और महापुरुष जाति बंटे तो हुआ चिंतन समाज का बिखराव रोकने के लिए अब एक साथ आए 40 से अधिक समाज  प्रतिनिधि । सबने भगवान और महापुरुषों के नाम पर होने वाले आयोजन में जातियों की प्रमुखता को रोकने की  बात कही । स्वर्णिम भारत मंच के बैनर तले  विभिन समाज के  प्रतिनिधियों की बैठक गत दिवस होटल अवंतिका रेलवे स्टेशन परिसर पर श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर सुमनानंद महाराज , मोतीलाल श्रीवास्तव , वरिष्ठ अभिभाषक जियालाल शर्मा,अनिल सिंह चंदेल ,  मंडल अभिभाषक संघ अध्यक्ष ओम सारवान, सुरेंद्र चतुर्वेदी, कुलदीप धारिया,गोपाल बारवाल की प्रमुख उपस्थिति में रखी गई । जिसमें मंथन हुआ कि अब आवश्यकता है राष्ट्र को मजबूत करने की ।
स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि लंबे समय से ऐसा देखा जा रहा था कि जो भी महापुरुष या भगवान  की शोभायात्रा निकलती है या जयंती मनती है तो उसे यह समझा जाता है कि यह भगवान केवल उस जाति के थे इसलिए  वही उनको याद करे जिससे समाज के बिखराव हो रहा है ।  इस भ्रांति को समाप्त करने के लिए  गत दिवस  विभिन्न समाज अध्यक्ष व  प्रतिनिधियों की स्वर्णिम भारत मंच के बैनर तले कायस्थ समाज की पहल पर एक दिवसीय चर्चा  बैठक होटल अवंतिका परिसर रेलवे स्टेशन पर रखी गई। जिसमें विभिन्न समाज के लगभग 40 प्रतिनिधि उपस्थित हुए सबने अपने विचारों को रखा  और आने वाले सभी भगवान के प्राकट्य उत्सव या महापुरुषों की जयंती मनाने का  निर्णय पारित किया । कायस्थ समाज ने भगवान श्री चित्रगुप्त जनदर्शन यात्रा में जुड़ने के लिए सर्व समाज के आव्हान ।
किसने क्या कहा ….
  भगवान  किसी जाति के पेटेंट नहीं है । क्या महापुरुष  केवल एक जाति की रक्षा के लिए ही लड़े थे क्या भगवान ने एक समाज को ही वरदान दिया था । ये सब  सनातन धर्म को तोड़ने का कार्य किया जा रहा है बल्कि हम सब ऋषियों की संतान है हमारे यहां गौत्र परम्परा है जाति की  नही । हम रघुवंशी श्री राम को मानते हैं तो यदुवंशी श्री कृष्ण को भी हम भगवान महावीर से लेकर भगवान परशुराम के पूजक है । और   चित्रगुप्त जी तो सबका लेखा जोखा रखते है वो किसी जाति को कैसे हो गए …..
श्री 1008 महामंडलेश्वर सुमनानंद महाराज
मैं कई वर्षों से वकालत के साथ-साथ ब्राह्मण समाज के लिए काम करता हूं मेरे मन में भी यह बात कई बार आई कि हमें सभी समाज को साथ लेकर कार्यक्रम करना चाहिए । हमे जातियों में बांटना बंद करना होगा ।
वरिष्ठ अभिभाषक जियालाल शर्मा …
महाराणा प्रताप राजपूत समाज की शान है इसलिए हम राजपूत समाज के लोग उनकी जयंती को बड़े धूमधाम से मनाते थे कई बार में सोचता रहा कि हमें भी महाराणा प्रताप के मंच से सभी समाज के लोगों को जोड़ना चाहिए परंतु यह बात मन में रह गई थी हमने आज तक कभी किसी गैर राजपूत को मंच पर नहीं चढ़ाया पर आवश्यकता लग रही है क्योंकि महाराणा प्रताप देश के नायक थे केवल राजपूतों के नहीं।
 अनिल सिंह चंदेल – क्षत्रिय महासभा,…
परशुराम यात्रा में कई लोग स्वागत करते हैं हमें अच्छा लगता है मैं भी सब जगह जाता हूं सबकी जयंती में शामिल होता हूं परंतु यह मेरा व्यक्तिगत मानना है कि हमें व्यापक रूप से सभी समाज को एक दूसरे के महापुरुषों की जयंती पर एक साथ खड़ा होना चाहिए ….
पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी ब्राह्मण समाज ।…
मैं कई वर्षों से देख रहा हूं कि किसी महापुरुष की जयंती पर माल्यार्पण करने एक समाज वर्ग बढ़ चढ़कर जाता है परंतु कई लोग उनकी जयंती पर माल्यार्पण नहीं करते यहां तक की उसे महापुरुष को याद तक भी नहीं रखते हैं यह समाज को तोड़ने का षड्यंत्र है भगवान को जातियों में बांटना सरासर गलत है इसे हिंदू कमजोर पड़ रहा है स्वर्णिम भारत मंच की पहल को मैं साधुवाद देता हूं ।
प्रकाश चित्तौड़ा  पूर्व सभापति ।…
जाति और भगवान में भेदभाव मिटा कर राष्ट्र के लिए एक जुट रहना चाहिए । स्वर्णिम भारत मंच की पहल बहुत अच्छी है ।
ओम जैन  समाजसेवी ….।
समाज समरसता का भाव रखें सभी वर्गों से प्रेम करें जातियों में बटे नहीं इसलिए राष्ट्रीय सेवक संघ समरसता का प्रयास करता है आज मुझे बहुत अच्छा लगा सभी समाज में समरसता बनी रहे ।
शेखर दिसावल आरएसएस ..। 
 जातिवाद का मेल मन के अंदर से खत्म होना चाहिए केवल भाषण में नहीं । असली और नकली लोगों से बचना चाहिए ।….
ओम सारवान अध्यक्ष मंडल अभिभाषक संघ ..।
मैंने अपने कार्य समाज की मीटिंग में कहा कि भगवान चित्रगुप्त सबका लेखा-जोखा रखते हैं केवल कायस्थ समाज के नहीं  इसलिए हमें सबको इसमें जोड़ना चाहिए । मैं 86 वर्ष की आयु में भी यही सबको कहूंगा जातियों में हम नहीं बंटे राष्ट्र के लिए काम करें ।…
मोतीलाल श्रीवास्तव , वरिष्ठ समाज सेवी….।
 इसी प्रकार पंडित योगेश व्यास, एडवोकेट विनय ओझा,  पुष्पेंद्र बारकिया, उर्मिला श्रीवास्तव, गिरीश जायसवाल ,अशोक देवड़ा , जीएल परमार , कल्याण शिवहरे, संजय गुप्ता,अशोक कपूर , संतोष सुपेकर, महेंद्र सेन, जीवंधर जैन, राकेश वर्मा,  धर्मेंद्र राठौर , तरुण मित्तल,  विशाल पांचाल, पराग काबरा, रवि भूषण श्रीवास्तव , प्रदीप जैन ,शक्ति वर्मा , रमेश जैन, विरेंद्र सिंह ठाकुर,अतुल सक्सेना,चेतन श्रीवास्तव , रूपकिशोर कुलश्रेष्ठ , नेहा श्रीवास्तव,सीमा निगम आदि ने भी अपने-अपने समाज का प्रतिनिधित्व कर सुझाव रखे । कार्यक्रम का संचालन जितेंद्र बैरागी ने किया एवं आभार अनुपमा श्रीवास्तव ने माना