गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन का 40वां स्थापना दिवस समारोह 13 मार्च से

उज्जैन,(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी)  जन जागृति केंद्र गायत्री शक्तिपीठ की प्राण प्रतिष्ठा 15 मार्च 1982 को हुई थी। प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व ही यहां से रचनात्मक गतिविधियां गायत्री साधना, उपासना से लोगों को जोड़ने और प्रचार प्रसार शुरू हुआ था ।1980 के सिंहस्थ में यहां पर एक यज्ञशाला बनाकर नियमित यज्ञ किया गया। आगे नगर वासियों के सहयोग से यह निर्मित हुआ और 15 मार्च 1982 को यहां गायत्री माता ,कुण्डली माता और सावित्री माता की प्राण प्रतिष्ठा हुई । उसी दिन के आज 40 वर्ष पूर्ण होने पर तीन दिवसीय समारोह आयोजित हो रहा है।

बुधवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में सह प्रबंधक राजेश पटेल,जिला समन्वयक देवेन्द्र श्रीवास्तव व उर्मिला तोमर  ने बताया कि 13 मार्च को सुबह 9 बजे यहां से दिव्य कलश और सदग्रंथ यात्रा निकलेगी जो क्षेत्र में भ्रम।ण करती हुई है यहीं संपन्न होगी ।शाम 4:30 बजे से युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए युवा सम्मेलन होगा ।
14 तारीख को सुबह 8:00 बजे से देव आवाहन पूजन यज्ञ एवं संस्कार होंगे। आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी के लिए पुंसवन/ गर्भोउत्सव को प्राथमिकता दी गई है और उस दिन यह संस्कार बड़ी संख्या में कराए जाएंगे। सांय काल गायत्री परिवार द्वारा घोषित महिला सशक्तिकरण वर्ष के उपलक्ष में महिला सशक्तिकरण गोष्ठी होगी वंदनीया शैल दीदी का संदेश लेकर शांतिकुंज हरिद्वार से टोली आ रही है ।
15 तारीख को सुबह यज्ञ संस्कार एवं हमारे नींव के पत्थर अग्रज परिजनों का सम्मान होगा। हमारे नींव के पत्थर करीब 30 परिजनों का सम्मान होगा तथा 9 उपक्षोन समन्वयक के पहले सेवाएं दे चुके उनका अभिनंदन किया जाएगा।
इन तीनों दिनों में यहां के साहित्य स्टाल से साहित्य ब्रह्म भोज के तहत आधी कीमत में लब्ध कराया जाएगा
सन 2004 और 2016 के सिंहस्थ में पूरे एक महा 108 कुंडी यज्ञ के साथ प्रज्ञा पुराण कथा, संस्कार, सद साहित्य वितरण ,भंडारा आदि के प्रकल्प चलाए गए। संसार में 30 दिन तक 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ केवल उज्जैन सिंहस्थ में ही होता है।

स्वर्ण जयंती तक इस संस्थान को शांतिकुंज हरिद्वार के आदर्श माडल के रूप में स्थापित करने के लिए संकल्पित हो रहे हैं।
संचालन-गायत्री शक्तिपीठ का संचालन वर्तमान में शांति कुंज हरिद्वार के श्री वेदमाता गायत्री ट्रस्ट हरिद्वार से होता है। जिसके लिए एक उपझोन समन्वयक सह प्रबंधक का दायित्व शांतिकुंज हरिद्वार से दिया जाता है जो समय-समय पर बदलते रहते हैं इस समय हमारे पास (राजेश पटेल) यह दायित्व है ।इनके सहयोग के लिए यहां 11 सदस्सीय कार्यकारिणी और चार प्रबंधन समितियां बनाई गई हैं।