0.78 प्रतिशत की भावनाओं का सम्मान तो फिर 92 प्रतिशत का अपमान क्यों?  कुंडलपुर की तर्ज पर उज्जैन भी हो पवित्र नगरी- डॉ अवधेशपुरी महाराज

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी)  क्रांतिकारी संत डॉ. अवधेश पुरी महाराज ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कुंडलपुर एवं बांदकपुर को पवित्र नगर घोषित किये जाने के निर्णय की प्रशंसा की। साथ ही अनुरोध किया कि जब 0.78 प्रतिशत समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए कुंडलपुर एवं बांदकपुर को पवित्र घोषित किया जा सकता है तो फिर 92 प्रतिशत समाज की भावनाओं का आदर करते हुए भगवान महाकाल की ऐतिहासिक, पौराणिक एवं सिंहस्थ नगरी उज्जैन को पवित्र नगरी क्यों नहीं घोषित किया जा सकता? जबकि लम्बे समय से उज्जैन को पवित्र नगरी बनाने की माँग की जा रही है।

डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने पत्र में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से कहा कि वे उज्जैन को केवल भौतिक रूप से स्मार्ट ना बनाएं। शास्त्र वचन “वैश्णवा नाम यथा शंभो“ यानी वैष्णवों आचार्य भगवान शिव की प्रसन्नता एवं उनकी नगरी का वास्तविक सौन्दर्य तो उज्जैन को पवित्र बनाने से ही संभव है। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग से 100 मीटर पर मांस मदिरा की दुकानें चलना करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत करता है। उनकी भवनाएं आहत होती हैं तथा वे एक दुखद एवं कटु अनुभव लेकर के उज्जैन नगरी से वापस जाते हैं। यह धार्मिक नगरी केवल भौतिक विकास से ही स्मार्ट नहीं हो सकती इसके लिए इसे पवित्र बनाना अत्यंत आवश्यक है, तभी हम उज्जैन को स्मार्ट कह सकते हैं। अवधेशपुरी महाराज ने कहा कि भगवान महाकाल के भक्तों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए उनकी श्रद्धा का संरक्षण करते हुए तत्काल प्रभाव से उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित कर देना चाहिए।

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