श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में विराजित वीरभद्र मंदिर एवं देवताओ की प्रतिमाओ को सुरक्षित रखने की मांग

उज्जैन,(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में विराजित बाबा बाल हनुमान मंदिर परिसर  हुई तोड़ फोड़ के बाद अन्य धार्मिक स्थनों पर भी जेसीबी का पंजा चलता नजर आ रहा है जिससे चिंतित सेवाधर्मी सहित पुजारियों ने शुक्रवार को अखाड़े में आयोजित पत्रकार वार्ता ने पं.नलिन शर्मा व पं.गौरव शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर से लगा हुआ वीरभद्र मंदिर एवं व्यायामशाला सैकड़ों सालों से यहीं स्थित है। अंग्रेजों के शासनकाल से भी पूर्व मुगल शासनकाल व उनसे पहले का यह स्थान पौराणिक, धार्मिक,पुरातत्व श्रेष्ठता की दृष्टि से भव्यतम स्थान है। सैकड़ों वर्षों से यहां भगवान वीरभद्र, हनुमानजी का पूजन-अर्चन होता आ रहा है। आजादी के पहले से व्यायामशाला (अखाड़ा) भी संचालित है। यह सांची की तरह अद्भुत, अनुपम दिव्य स्तूप की तरह पुरातत्व की महान धरोहर है। यह स्थान (स्मार्ट सिटी) या अन्य किसी भी योजना के अंतर्गत सुरक्षित रहे. इसका धार्मिक स्वरूप खण्डित न हो, यहां विराजमान अदृश्य शक्ति के साथ अनावश्यक छेड़छाड़ न हो। इस हेतु आपके समक्ष निवेदन प्रस्तुत है।
क्या है महत्त्व :- उक्त स्थान पुरातत्व विभाग अनुसार लगभग 2000 वर्ष पुराना है। पुरातत्व विभाग द्वारा इस स्थान को सांची स्तूप की तरह पुरातन दृष्टि से महत्व का स्थान माना था। यहीं वीरभद्र भगवान, हनुमानजी प्रतिमा की प्राचीनता इस बात का प्रमाण है।
तहसील कार्यालय से उक्त स्थान सर्वे नंबर 2117 की 0.0310 हेक्टेयर जमीन श्री महाकालेश्वर श्रमिक सहकारी निर्माण संस्था मर्यादित उज्जैन के अध्यक्ष व भूमि स्वामी हीरालाल शर्मा के नाम पर अंकित है। उक्त स्थान से पास सर्वे क्रमांक 2118 की 0.1460 हे. जमीन शासकीय है। जिस पर से मंदिर हेतु रास्ता है। सर्वे नंबर 2119/1 को 0.0940 हेक्टेयर की जमीन आयुक्त नगर पालिक निगम उज्जैन के नाम अंकित है। सर्वे कमांक 2119/2 की 0.0310 हेक्टेयर जमीन माधव सेवा न्यास के नाम अंकित है। सर्वे कमांक 2219/3 की 0.2630 हेक्टेयर जमीन आयुक्त नगर पालिक निगम अंकित है। सर्वे क्रमांक 219/3 के 0.175 हेक्टेयर जमीन रतनकुंवर बेवा सुभाषचन्द्र के नाम से अंकित है, इसका भू अर्जन प्रस्ताव है। वीरभद्र मंदिर एवं महाकालेश्वर वीरभद्र व्यायामशाला में 150 वर्षों से सतत पूजन अर्चन होता आ रहा है। महाकालेश्वर वीरभद्र व्यायामशाला में 150 वर्षा से अधिक समय से व्यायामशाला का संचालन होता आ रहा है जो कि पूर्णतः निःशुल्क है। सिंहस्थ महापर्व पर निकलने वाली पेशवाई में जूना अखाडा के साथ महाकालेश्वर वीरभद्र मंदिर व व्यायामशाला लगभग 90 सालों से स्नान हेतु चलता आ रहा है। भगवान महाकालेश्वर की सवारी मे वीरभद्र व्यायामशाला(अखाडा) 1945 से शौर्य प्रदर्शन के साथ चल रहा है। जिसका रिकार्ड मंदिर मे मौजूद है। वीरभद्र मंदिर व अखाडे के द्वारा 1970 में महाकाल मंदिर की रंगपंचमी गैर “श्री महाकालेश्वर वीरभद्र ध्वज चल समारोह’ का प्रारंभ किया गया जो वर्तमान मे सतत चल रहा मंदिर व व्यायामशाला द्वारा 20 वर्षों से रामनवमी पर जुलूस का किया जाता रहा है। जिसमें व्यायामशाला के प्रतिनिधि अपना प्रदर्शन करते है |