भद्रा 8.15 तक, रात्रि 8.15 से शुभ मुहूर्त में बहन भाई को राखी बांध सकेंगी,सिर्फ भद्रा का मुहूर्त में ध्यान रखें-ज्योतिर्विद पं. अजय व्यास

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) श्रावण पक्ष शुक्ल तिथि रक्षाबंधन पर्व पुर्णिमा वार बुधवार को रक्षाबंधन का त्योहार 30 अगस्त को ही मनाया जायेगा। सिर्फ भद्रा का मुहूर्त मे ध्यान रखना चाहिए। पंचांग शास्त्र में भद्रा काल मे राखी बांधना अशुभ है जो इस वर्ष भद्रा 30 अगस्त रात्रि 8.15 बजे तक मानी जायेगी।

ज्योतिर्विद पं अजय कृष्ण शंकर व्यास के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार पुर्णिमा के दिन मनाया जाता है। जो पुर्णिमा बुधवार सुबह 10.07 से लग रही है। रात्रि 8.15 से शुभ मुहूर्त में बहन-भाई को मंगल विधान कर लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना कर बहन-भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर और मिठाई खिला सकती है। पुराणों मे भद्रा को सुर्य की पुत्रि शनि की बहन बताया गया है।
ज्योतिर्विद पं. अजय कृष्ण शंकर व्यास के अनुसार पुर्णिमा का संबंध चंद्र से है जो पुर्ण रात्रि को रहने के साथ में अगले दिन मात्र 7.25 तक ही होने के कारण रक्षाबंधन पर्व बुधवार को ही मनाना चाहिए। आवश्यक कारण होने पर भगवान को रक्षा सूत्र गुरुवार अगले दिन सुबह बांध कर पर्व मना सकते हैं। भद्रा को 11 कारणों में 7वें करण यानी विष्टि करण में स्थान प्राप्त है। वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक भद्रा का वास  पृथ्वीलोक में भद्रा का वास होने पर भद्रा का मुख सामने की तरफ होता है। ऐसे में इस दौरान किसी भी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। भद्रा में किया गया शुभ कार्य कभी भी सफल नहीं होता है।

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