पुरुषोत्तम मास से पूर्व हों सप्तसागरों पर जनसुविधा के कार्य , न स्नान के लिए घाट, स्वच्छ जल, पूजा स्थल, न मिलती है श्रध्दालुओं को छाया – परमहंस डॉ. अवधेशपुरी महाराज

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) पुरुषोत्तम मास में तीन प्रमुख यात्रा सप्तसागर, नौ नारायण एवं 84 महादेव में श्रध्दालुओं के लिए आवश्यक सुविधाओं को लेकर पीठाधीश्वर स्वस्तिक पीठ परमहंस डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर को एक पत्र लिखा है। महाराजश्री ने इसकी एक प्रति उज्जैन कलेक्टर एवं महापौर को भी भेजी है।

डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने पत्र में लिखा है कि विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की इस पौराणिक एवं ऐतिहासिक नगरी अवंतिकापुरी में पवित्र पुरुषोत्तम मास में श्रध्दालु सप्त सागर यात्रा, नौ नारायण यात्रा एवं 84 महादेव की यात्रा करते हैं। इन यात्राओं में हजारों की संख्या में माताएं बहनें एवं अन्य श्रद्धालु अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए बड़ी ही आस्था एवं विश्वास के साथ आते हैं व इनका विधि विधान के साथ स्नान, दान, पूजन एवं दर्शन करते हैं। महाराजश्री ने कहा कि दुःखद विषय यह है कि यहाँ आने के बाद उन्हें न तो इन स्थानों का ठीक से धार्मिक व पौराणिक महत्व पढ़ने को मिलता है और न सप्त सागरों पर स्नान के लिए घाट, स्वच्छ जल, पूजा स्थल, छाया व सुविधा घर आदि दिखाई देते हैं। परिणामस्वरूप वे एक बुरा अनुभव लेकर वापस जाते हैं। इस नकारात्मक सन्देश से भगवान महाकाल की इस महान नगरी की छवि खराब होती है। अतः इन श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इस दृष्टि से इन स्थानों पर मूलभूत एवं आवश्यक जनसुविधाएं उपलब्ध कराना शासन एवं प्रशासन का नैतिक कर्तव्य है क्योंकि ये स्थल शासन द्वारा संधारित हैं।
महाराजश्री ने कहा कि मैंने एक सन्त होने के नाते लाखों श्रद्धालुओं की सुविधाओं को मद्देनजर रखते हुए संस्कृति मंत्री को ध्यानाकर्षण हेतु पत्र लिखा है और आशा ही नहीं वरन पूर्ण विशास है कि जन सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, कलेक्टर एवं महापौर पुनीत उद्देश्य से लिखे गए इस पत्र पर गम्भीरता के साथ विचार कर पुरुषोत्तम मास से पूर्व क्रियान्वयन करने का सत्प्रयास अवश्य करेंगे। वर्तमान में इन अति आवश्यक मूलभूत सुविधाओं का विकसित किया जाना अति आवश्यक है।
लगे किराया सूची, सप्तसागरों का शुध्दिकरण सहित अन्य व्यवस्थाएं हों
महाराजश्री ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर उज्जैन के इन प्रमुख मन्दिर, सप्त सागर, नौ नारायण एवं 84 महादेव की रेल्वे स्टेशन से दूरी व किराए की सूचियों के बोर्ड जिससे कि बाहर से आनेवाले श्रद्धालु रिक्सेवालों के अनावश्यक किराए से बच सकें। सभी स्थलों लिए पहुंच मार्ग एवं पार्किंग की व्यवस्था। स्नान, दान व पूजन आदि के लिए घाटों व व पूजन स्थलों का निर्माण। सप्त सागरों का शुद्धिकरण व त्रिवेणी आदि के धार्मिक महत्वों के वृक्षों का रोपण। महिलाओं के वस्त्र बदलने के लिए चेंजिंग रूम व सुलभ कांप्लेक्स की व्यवस्था। धूप व वर्षां से बचने के लिए टीन सेड का निर्माण। श्रद्धालुओं की जानकारी हेतु सभी सप्तसागरों, नौ नारायण एवं 84 महादेव व अन्य प्रमुख मंदिरों पर उनके पौराणिक महत्व व उन पर की जाने वाली दान की वस्तुओं की सूची के बोर्ड लगाना जैसे कार्य को समय रहते किये जाएं जिससे श्रध्दालुओं को सुविधा मिल सके।