उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) काल पूरी दुनिया को खाने की शक्ति रखता है लेकिन जो काल को ही खा जाए ऐसे महाकाल उज्जैन में विराजित हैं। यहां हर 12 वर्ष में महाकुंभ सिंहस्थ होता है जिसमें अमृत बरसता है। यहां हो रहे संत सम्मेलन, राम कथा, रासलीला में संतों के मुख से अमृत झरने वाला है।
उक्त बात मंगलवार को महामंडलेश्वर युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि महाराज राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास के ट्रस्टी ने कही। मीडिया प्रभारी डॉ. सचिन कासलीवाल ने बताया कि 13 दिसंबर से प्रारंभ हो रहे इस धार्मिक अनुष्ठान का प्रारंभ शोभायात्रा पेशवाई के रूप में हुआ। सामाजिक न्याय परिसर से सुबह 9.30 से प्रारंभ हुई पेशवाई प्रमुख मार्गाे से होती हुई चारधाम मंदिर पहुंची। जहां पर संपूर्ण शोभायात्रा धर्मसभा में परिवर्तित हुई। पेशवाई में प्रमुख रूप से युगपुरुष महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद गिरि महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी शान्ति स्वरूपानंद गिरी महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद जी महाराज, निर्मल अखाड़ा पीठाधीश्वर श्री महंत ज्ञानदेव सिंह जी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतदेव गिरी जी महाराज, वृंदावन, महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी ज्योतिर्मयानंद गिरि जी महाराज, महामंडलेश्वर साध्वी दिव्य चेतना गिरी जी महाराज, स्वामी जगत प्रकाश त्यागी महाराज, महामंडलेश्वर शैलेशानंद गिरी जी, महामंडलेश्वर आशुतोषानंद गिरी जी महाराज काशी, महामंडलेश्वर सेवानंद गिरी जी गुजरात, महामंडलेश्वर चिदंबरानंद गिरी जी, मानस मणि नीलम गायत्री, चित्रकूट, उज्जैन के संत महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद जी महाराज, स्वामी रंगनाथाचार्य जी महाराज, महंत ज्ञानदास जी, कमलेश ब्रह्मचारी जी, आवाहन अखाड़े के थानापति साध्वी ज्ञान ज्योति (केसूर), दंडी आश्रम के प्रमुख स्वामी भगवान् चैतन्य बापू जी महाराज, आचार्य रामस्वरूप ब्रह्मचारी जी महाराज, ऋषि राज जी महाराज विशेष रुप से उपस्थित थे। संपूर्ण साधु संतों का कार्यक्रम संयोजक विधायक पारस जैन, कार्यक्रम अध्यक्ष अशोक प्रजापत, शोभा यात्रा समिति के अशोक जैन चायवाला, स्वागताध्यक्ष सत्यनारायण जयसवाल सहित संपूर्ण ट्रस्ट द्वारा किया गया। मंच संचालन कमलेश पंचोली ने किया। शोभा यात्रा पेशवाई के रूप में निकाली गई जिसमें सर्वप्रथम धर्म ध्वजा तत्पश्चात घोड़े पर संत विराजित हुए। बैंड बाजे, ढोल, ताशे, नगाड़े के साथ-साथ कई बग्गिया जिस पर महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, महाराज एवं साधु संत विराजित थे। जगह-जगह शोभा यात्रा का स्वागत सम्मान हुआ। फूलों से सड़के पट गई। शोभा यात्रा सामाजिक न्याय परिसर से प्रारंभ हुई जो देवास गेट, मालीपुरा, फव्वारा चौक, नई सड़क, सती गेट, छोटा सराफा, छतरी चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, चौबीस खंबा माता मंदिर से होती हुई चार धाम मंदिर पंडाल पर पहुंची। शोभा यात्रा का स्वागत सभी धर्मों के धर्म प्रमुख, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस पार्टी, तीर्थ मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष माखन सिंह चौहान, महापौर मुकेश टटवाल एवं सभी पार्षदों द्वारा अलग-अलग जगह जगह पर मंच बनाकर किया गया। शोभा यात्रा में महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद गिरि महाराज एवं अन्य महामंडलेश्वर, साधु संत, महाराज पैदल चले। यात्रा मंे प्रमुख रूप से विधायक पारस जैन पैदल एवं अपनी एक्टिवा से निरीक्षण करते रहे, दिशा निर्देश देते रहे। शोभायात्रा के पश्चात संपूर्ण महाराज एवं आम जनता के लिए चार धाम मंदिर पर महाप्रसादी का आयोजन हुआ। दोपहर में 3 बजे से संत सम्मेलन प्रारंभ हुआ जिसमें सभी साधु संतों ने अपने-अपने प्रवचन के माध्यम से देश-दुनिया एवं समाज को अनेक प्रकार की सीख दी।
हर दिन लगेगा योग शिविर, होगी रामकथा
विराट संत सम्मेलन में हर दिन प्रातः 7 से 8 बजे तक योगाचार्य अश्विन शर्मा के द्वारा योग शिविर का भी आयोजन किया जाएगा। साथ ही प्रातः 8.30 से 9.30 तक युगपुरुष स्वामी परमानंदगिरि महाराज के द्वारा आत्म साक्षात्कार के लिए ध्यान साधना भी करवाई जाएगी। उसके पश्चात प्रातः 9.30 से 12 बजे तक राम कथा होगी। दोपहर 2 से 5 बजे तक आगन्तुक संतो के प्रवचन तथा शाम को 7 बजे से वृन्दावन के कलाकारों द्वारा रासलीला का आयोजन किया जायेगा।