जिले के गौवंश में लंपी स्कीन रोग के लक्षण देखे जा रहे, रोग के सम्बन्ध में शासन द्वारा सलाह जारी की 

उज्जैन 22 सितम्बर।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालक द्वारा जानकारी दी गई कि उज्जैन जिले के खाचरौद, महिदपुर, तराना और घट्टिया विकास खण्डों में गौवंश में लंपी स्कीन रोग के लक्षण देखे जा रहे हैं। रोग की पहचान और नियंत्रण के लिये भारत सरकार द्वारा सलाह जारी की गई है।
इसके अनुसार रोग की शुरूआत में हल्का बुखार दो से तीन दिन के लिये रहता है। इसके बाद पूरे शरीर में चमड़ी से गठानें (2 से 3 सेमी) निकल जाती हैं। यह गठान गोल उभरी हुई होती है, जो कि चमड़ी के साथ मांसपेशी की गहराई तक जाती है। इस बीमारी के लक्षण मुंह, गले, श्वांस नली तक फैल जाते हैं। साथ ही पशु के ‘लिंफ नोड’ में सुजन, पैरों में सुजन, दुग्ध उत्पादकता में कमी, गर्भपात, बांझपर और कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है।
इस बीमारी से बचाव के लिये संक्रमित पशु को स्वस्थ पशु से तत्काल अलग करना चाहिये। संक्रमित पशु को स्वस्थ पशुओं के झुंड में शामिल नहीं करना चाहिये। संक्रमित क्षेत्र में बीमारी फैलाने वाले वेक्टर (मक्खी, मच्छर आती) की रोकथाम हेतु आवश्यक कदम उठाये जाने चाहिये। संक्रमित क्षेत्र से अन्य क्षेत्रों में पशुओं के आवागमन को प्रतिबंधित किया जाना चाहिये। संक्रमित पशु के क्षेत्र घर आदि जगहों पर साफ-सफाई और जीवाणु व विषाणुनाशक रसायन (जैसे- 20 प्रतिशत इथर क्लोरोफार्म फार्मलीन 1 प्रतिशत फिनाइल 2 प्रतिशत, सोडियम हाइपोक्लोराइड 3 प्रतिशत, आयोडीन कंपाउंड 1:33 अमोनियम कंपाउंड) आदि से छिड़काव किया जाना चाहिये।
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