महाकुंभ में मुख्यमंत्री का संदेश, पुजारियों के लिए मेरे घर के द्वार हमेशा खुले हैं-मुख्यमंत्री चौहान

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) अखिल भारतीय पुजारी महासंघ का महाकुंभ उज्जैन के आगर रोड स्थित सामाजिक न्याय परिसर में संपन्न हुआ। इसके पूर्व पुजारियों ने शहर में महारैली भी निकाली जो कि चारधाम मंदिर चौराहा से राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी के नेतृत्व में प्रारंभ हुई।

महारैली में हजारों की संख्या में पुजारीगण अपने परिवार सहित सम्मिलित हुए। महारैली शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए सामाजिक न्याय परिसर पहुंचकर महाकुंभ के रूप में परिवर्तित हुई। मार्ग में 50 से अधिक मंचों से महारैली का विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संस्थानों ने स्वागत किया। महाकुंभ के मुख्य अतिथि मप्र के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान थे। समयाभाव के कारण उन्होंने अपने प्रतिनिधि रमेश शर्मा से महाकुंभ को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी से बात करने को कहा। श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री की ओर से बात करते हुए कहा कि पुजारियों की सभी मांगे पूरी होगी और प्रदेश के पुजारियों के लिए सीएम हाऊस के दरवाजे सदा खुले हैं। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रवीश चौहान भोपाल, योगेन्द्र महंत इंदौर, ब्रह्म ऋषि जय गुरु मार्कण्डेय आश्रम एवं सिख समाज गुरुद्वारे से ज्ञानी सरबजीत उज्जैन मौजूद रहे। महाकुंभ में राजस्थान पुजारी महासभा के सदस्य भी आए जिन्होंने पुजारी महासंघ के कार्यों और उद्देश्य से प्रभावित होकर राजस्थान पुजारी महासभा का विलय पुजारी महासंघ में करने की सहमति प्रदान की। महाकुंभ में पुजारियों की विभिन्न समस्याओं को लेकर विचार विमर्श किया गया। जिसमें मुख्य आठ मांगें प्रदेश व केंद्र सरकार को भेजी जाएंगी। देश के मंदिरों को सरकारीकरण से मुक्त किया जाए। मंदिरों की भूमि नीलामी बंद हो। पुजारियों को किसान के समान खाद, बीज व ऋण दिया जाए। नामांतरण प्रक्रिया सरल हो। पुजारियों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए जाए। देश के मंदिरों के लिए ट्रस्ट बनाए जाए, जिसमें पुजारी महासंघ को प्रमुखता दी जाए। देश में जिस प्रकार राजनेता और संतों को प्रोटोकॉल दिया जाता है। उसी तरह पुजारियों को भी प्रोटोकॉल की सुविधा मिले। अधिकारियों द्वारा पुजारियों से सम्मानजनक व्यवहार किया जाए आदि मांगे शामिल है। यह जानकारी देते हुए पुजारी महासंघ के कोषाध्यक्ष शिव नारायण शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य रूप से मनोज जोशी, रूपेश मेहता, पंकज जोशी, रामचंद्र शर्मा, घनश्याम शर्मा, राकेश भट्ट, क्षितिज उपाध्याय, पालीवाल जी, महेश शर्मा पेंटर, मुकेश शर्मा, शिवदास बैरागी सहित हजारों पुजारी शामिल हुए।