भस्म आरती के नाम पर कृष्णा गिरि महाराज ने की ठगी, अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने की प्रशासन व मंदिर समिति से सख्त करवाई की मांग

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) हरियाणा सेवा आश्रम नृसिंह घाट मार्ग के कृष्णा गिरि महाराज ने जयपुर कलेक्टर कार्यालय में कार्यरत अनमोल शर्मा के साथ भस्मारती दर्शन तथा भगवान महाकाल का जलाभिषेक कराने के नाम पर ठगी की है। दर्शनार्थी ने मामले की शिकायत कलेक्टर आशीष सिंह तथा मंदिर प्रशासन गणेश कुमार धाकड़ को लिखित में की है। शिकायत में कहा है कि कृष्णा गिरि महाराज ने 7 अगस्त को उन्हें फोन करके भगवान महाकाल की भस्म आरती दर्शन कराने तथा भगवान का जलाभिषेक कराने के लिए उज्जैन बुलाया था। उन्होंने 2000 रुपए रूम रेंट, भस्मा आरती दर्शन के प्रति व्यक्ति 1300 रुपए तथा भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने के लिए प्रति व्यक्ति 1500 रुपए लिए। जब 8 तारीख को वे उज्जैन पहुंचे तो उन्होंने दर्शन पूजन कराने में टालमटोल की। हमने उनसे दिए गए पैसे के संबंध में पूछा तो महाराज ने कहा कि यह राशि तो मंदिर कार्यालय में जमा करा दी है। श्रद्धालु ने बताया कि उन्हें बाद में ज्ञात हुआ कि महाकाल मंदिर में भगवान का जलाभिषेक करने के लिए 1500 रुपए में 2 व्यक्तियों को गर्भगृह में प्रवेश दिया जाता है। कृष्णागिरि महाराज ने प्रत्येक व्यक्ति के 1500 रुपए ले लिए हैं। इस तरह की शिकायत सामने आने के बाद अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित महेश पुजारी ने शासन व प्रशासन से जयपुर के श्रद्धालुओं के साथ हुई ठगी के मामले में कार्यवाही करने की मांग की है। पंडित महेश पुजारी ने कहा कि सनातन धर्म परंपरा में साधु, संतों के प्रति भक्तों का बहुत विश्वास है। लेकिन इस प्रकार के तथाकथित साधु, संत सनातन धर्म व भक्तों की भावना के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इन संतों के आश्रमों में भक्तों के साथ होने वाली धोखाधड़ी से अखाड़े भी बदनाम हो रहे हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों को ऐसे मामलों में संज्ञान लेते हुए तथाकथित साधुओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करना चाहिए। राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने कहा कि उक्त साधु द्वारा भक्तों के साथ की गई ठगी के मामले में शासन, प्रशासन तथा अखाड़ा परिषद को निर्णायक कार्रवाई करना चाहिए। वहीं प्रशासन व मंदिर समिति को भी ऐसे साधु संतों के गर्भगृह में जाकर नि:शुल्क जल चढ़ाने पर तत्काल रोक लगाना चाहिये और जब तक कि अखाड़ा परिषद से अधिकृत रूप से लिखित में जानकारी न हो अनुमति नहीं देना चाहिए। जल्द इस मामले में उचित करवाई नहीं हुई तो पुजारी महासंघ आंदोलन करेगा।