वीआईपी नंबर की नीलामी, 0001 नंबर को लेने आए 5 आवेदक, 1 लाख के नंबर की बोली 3.31 लाख तक पहुंची

इंदौर।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) शहर में एक बार फिर वीआईपी नंबरों की दीवानगी नजर आ रही है। आज ऑनलाइन नीलामी का आखिरी दिन था और नीलामी में कार की सीरिज का 0001 नंबर शामिल होने के कारण इसे लेने के लिए अब तक पांच आवेदक सामने आ चुके हैं, जिसके कारण एक लाख रुपए की न्यूनतम कीमत का यह नंबर अब तक 3.31 लाख तक पहुंच चुका है। नीलामी देर रात तक चलेगी। इसके चलते इसकी बोली और ऊंची जाएगी। नीलामी में अब तक कुल 84 नंबरों पर बोली लग चुकी है।

परिवहन विभाग द्वारा हर माह दो बार वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी की जाती है। पहली नीलामी 1 से 7 तारीख के बीच और दूसरी 15 से 21 के बीच। इस माह की दूसरी नीलामी में कार की नई सीरिज एमपी09-डब्ल्यूएम के वीआईपी नंबरों को भी शामिल किया गया है। इसके कारण नए नंबर होने से वीआईपी नंबरों को खरीदने के लिए आवेदकों में ज्यादा उत्साह नजर आ रहा है। कार की सीरिज में सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाले 0001 नंबर पर सबकी नजर है। अब तक इस नंबर को खरीदने के लिए पांच आवेदक नीलामी में शामिल होकर बोली लगा चुके हैं। इसके चलते एक लाख रुपए न्यूनतम कीमत के इस नंबर की बोली अभी ही 3.31 लाख तक पहुंच चुकी है।

पिछली बार जिस कीमत पर बिका था 0001, उससे ऊंची अभी ही पहुंची बोली

आरटीओ जितेंद्रसिंह रघुवंशी ने बताया कि इससे पहले कार के नंबरों की सीरिज एमपी09-डब्ल्यूएल का 0001 नंबर 3.11 लाख में बिका था, जबकि इस बार अभी ही इसकी बोली 3.31 लाख तक पहुंच चुकी है। उम्मीद है कि इस बार यह नंबर काफी ज्यादा कीमत पर बिकेगा। सूत्रों के मुताबिक इसे खरीदने के लिए बोली लगाने वालों में पिछली कई बार से 0001 नंबर खरीद रही आशा कंफेक्शनरी कंपनी प्रमुख है। कंपनी ने हाल ही में जर्मनी से पौने तीन करोड़ में एक पोर्शे टॉयकन कार खरीदी है, जिसके लिए कंपनी इस नंबर को लेना चाहती है। इसके चलते देर रात तक ऊंची बोली पर इस नंबर के बिकने की संभावना बहुत ज्यादा है।

कुल 84 नंबरों पर लगी बोली

नीलामी में अब तक इंदौर आरटीओ के कुल 84 नंबरों पर बोली लग चुकी है। 0001 के अलावा इसी सीरिज के 1111 और 9000 नंबर को लेने के लिए एक से ज्यादा आवेदक बोली लगा चुके हैं। 25 हजार के 1111 नंबर की बोली 30 हजार तक पहुंची है। रात तक इसके अलावा भी कई और नंबरों को खरीदने वाले सामने आएंगे, जिससे परिवहन विभाग को काफी राजस्व मिलने की संभावना है।