दीपोत्सव आध्यात्मिक राजधानी के साथ छलावा,असली दीपक तो पवित्र नगरी घोषित होने पर  लगेंगे ……

उज्जैन -(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी)    अपने क्रांतिकारी विचारों से सम्पूर्ण राष्ट्र में शासन  प्रशासन के लिए मुसीबत बन चुके राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश ने राजस्थान से स्वर्णिम भारत मंच की तरफ से अपना कड़ा बयान जारी करते हुए मध्यप्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि शिवरात्रि पर उज्जैन में दीपोत्सव कराना केवल आंकड़ो की जादूगरी है असली काम तो मुख्यमंत्री को उज्जैन को आध्यात्मिक राजधानी बनाने के लिए करना चाहिए  परंतु यह कार्य सरकार नही कर रही है कमलमुनि ने कहा कि जब मैं महाराष्ट्र  राज्य में विहार पर था तब हमने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से आग्रह किया था कि उज्जैन को पवित्र नगरी का दर्जा देकर गजट नोटिफिकेशन जारी करे और पवित्र नगरी क्षेत्र की सीमा बढ़ायी जाये तथा  उज्जैन को आध्यात्मिक राजधानी बनाया जाए । मुख्यमंत्री ने यह बात स्वीकार भी की थी लेकिन आज तक आध्यात्मिक राजधानी की तरफ कोई कदम नही बड़ा है बल्कि उज्जैन को पवित्र नगरी के लिए एक संत प्रतितराम राम स्नेही ने अपने प्राण तक त्याग दिए है फिर भी मुख्यमंत्री की इच्छाशक्ति नही जाग रही है ।
स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव ने  राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश के वक्तव्य पर कहा कि महाराज साहब कुछ वर्ष पूर्व उज्जैन पद यात्रा करते हुए उन्होंने आये थे और क्षिप्रा तट पर आन्दोलन करने बैठ गए थे  तब तत्कालीन कलेक्टर संकेत भोंडवें ने  कमलमुनि को आश्वासन दिया था कि महाकाल मंदिर परिक्षेत्र से कत्लखाने ,मांस मदिरा  की दुकानें अविलम्ब हटा दी जाएगी लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण प्रशासन उनकी मांग पूरी नही कर पाया।
असली दीपक तो पवित्र नगरी घोषित होने पर  लगेंगे ……
शिवरात्रि पर सरकार भले ही दीपोत्सव करके  रिकार्ड बनाने ले परन्तु असली दीपक तो पवित्र नगरी की  सीमा  बढ़ाने के बाद ही लगेंगे  फिलहाल पवित्र नगरी की सीमा महाकाल मंदिर से 200 मीटर ही है जबकि स्वर्णिम भारत मंच इसे 2 किमी करने की मांग कर रहा है पूर्व में भी ब्रह्मलीन संत प्रतिराम रामस्नेही आंदोलन कर चुके है जिनकी  आत्मा को तब तक शांति नही मिलेगी जब तक सरकार उज्जैन को पूर्ण पवित्र नगरी का दर्जा देकर गजट नोटिफिकेशन जारी नही कर देती है।