नकद भीख एक अभिशाप विषय पर कार्यशाला का हुआ आयोजन,नकद भीख देने से मासूम बच्चों की जिंदगी नर्क में धकेली जा रही है

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) मुझे अक्सर सड़क पर भीख मांगने वाले मिल जाते है। जब मैं उन्हें देखता है तो इतनी बुरी स्थिति में दिखते है कि उनको देखकर ही तरस आ जाता है। छोटे-छोटे बच्चे पैरों में गिरकर खाने के लिए दो रू, पांच रु मांगते है तो मेरा भी मन करता है कि इनको पैसे दे देना चाहिए। बेचारे खाने के लिए तो मांग रहे है। कभी तो महिलाएं भी चौराहा पर गाड़ी के पास आकर गिड़गिड़ाने लगती है पर कभी सोचने में आता है कि शाशन स्तर से लेकर सामाजिक संस्थाएं भी असह्य लोगों की मदद करती है तो फिर इनको पैसे मांगने की क्यो जरूरत पड़ती है।  पर इसके पीछे बहुत बड़ी वजह है ये वो लोग है जो भीख मांगने के लिए बंधुआ मजदूर है । इनके लिए  क्या समाज आगे आया , कभी किसी ने जानने की कोशिश की , हमारे  आसपास क्या हो रहा है। इससे  हमें व समाज को  कोई लेना देना नही है। मुझे दुःख होता है कि हम साक्षरता का मतलब सिर्फ यही समझते है कि किताबी ज्ञान हो गया यानी हम साक्षर हो गए। देश में  कितने प्रतिशत साक्षर हो गए बस उस पर ही फोकस रहा है पर  स्वर्णिम भारत मंच ने बहुत अच्छे टॉपिक पर कार्यशाला रखी है। आंकड़े बता रहे है कि नकद भीख देने से कितने मासूम बच्चों की जिंदगी नर्क में धकेली जा रही है। कैसे नकद भीख से अपराध को बढ़ावा मिलता है। भिखारी गैंग के लीडर छोटे छोटे बच्चों को किडनैप करके उनके हाथ पैर काट काट कर विकलांग बनाकर रोड पर भीख मंगवाते है। यह बात स्वर्णिम भारत मंच द्वारा आयोजित  कार्यशाला ‘नकद भीख एक अभिशाप कैसे रोके समाज’ विषय पर भारत स्काउट गाईड कार्यालय पर  वरुण गुप्ता ने कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दिवाकर नातू ने कहा कि भिक्षा प्रणाली सनातन काल से चल रही है पर पहले जरूरत की सामग्री देकर निःशक्त लोगो की सहायता की जाती थी पर अब ये धंधा बन चुका है । समाजसेवी प्रकाश चित्तौड़ा ने कहा कि आजकल भीख मांगने वाला गिरोह छोटे बच्चो से शादी के समारोह में पर्स चूरवा लेता है पर  कानून से उनको सजा नही होती है।
स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि विश्व साक्षरता दिवस पर  नकद भीख पर रोक लगाने  हेतु  भारत स्कॉटड्स एंड गाइड कार्यालय पर  नकद भीख एक अभिशाप कैसे रोके समाज विषय पर  स्वर्णिम भारत मंच द्वारा कार्यशाला रखी गयी जिसमे मुख्यवक्ता वरुण गुप्ता ,कार्यक्रम की अध्यक्षता सिहंस्थ मेला प्राधिकरण अध्यक्ष ,विशेषअतिथि  पूर्व नगर निगम अध्यक्ष प्रकाश चित्तौड़ा थे।
कार्यशाला में रिटायर्ड सीएसपी  सुभाष चन्द्र  दुबे पूर्व पार्षद कुुुतुब फातेमी, एडवोकेेेट योगेश व्यास , अग्रवाल समाज से सरोज अग्रवाल, ब्राह्मण समाज से नंदनी जोशी,  पूर्व अधीक्षक भिक्षुक सेल प्रबोध पंड्या , कानून विद विनोद कुमार चोरिसिया, कायस्थ समाज से चेतन श्रीवास्तव ,लोधी समाज से महेंद्र सिंह लोधी ,  बलाई समाज के जिला अध्यक्ष अजय सिसोदिया, बलाई समाज महिला अध्यक्ष ,सोनू मालवीय ,वी केयर से कपिल जैन, अंकित शर्मा ,समाज सेवी फूलचंद जरिया ,उपभोक्ता संरक्षण समिति के कैलाश यादव ,यश जैसवाल,विजय जोशी,मोनू निगम ,सोनम अखंड , ने भी अपने सुझाव व विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन नरेंद्र मालवीय ने किया और आभार रेणुका मालवीय ने माना।