तालाब निर्माण के मुआवजे में फर्जीवाड़ा… झाबुआ में पदस्थ एसडीएम को संभागायुक्त ने कर दिया निलंबित

इंदौर।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी)  संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने डिप्टी कलेक्टर विशा माधवानी को निलंबित कर दिया, जो कि झाबुआ में एसडीएम के रूप में पदस्थ थी और बुरहानपुर जिले के नेपा नगर में अपनी पदस्थापना के दौरान तालाब निर्माण के मुआवजे में 42 लाख रुपए की अफरा-तफरी कर दी। सूत्रों के मुताबिक निलंबित डिप्टी कलेक्टर ने कुछ समय पहले महू में फार्म हाउस की जमीन भी खरीदी। प्रशासनिक हलकों में इस बात को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है कि कुछ समय पहले ही बनी एक नई अफसर ने इस तरह की गलती कैसे कर दी। राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी विशा माधवानी के खिलाफ ना सिर्फ घोटाले का आरोप लगा, बल्कि फर्जी बैंक खाते खोलकर मुआवजे की राशि हड़पने के गंभीर आरोप भी लगे। दरअसल भूमि अधिग्रहण के एक मामले में लगभग 42 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाना था। बोरवन तालाब के लिए यह अधिग्रहण किया गया, लेकिन हितग्राही के नाम से फर्जी बैंक खाता खोलकर यह राशि हजम कर ली और शिकायत होने पर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने जांच करवाई और इसमें तत्कालीन एसडीएम नेपा नगर और वर्तमान में झाबुआ की डिप्टी कलेक्टर रही विशा माधवानी दोषी पाई गई। उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई और फिलहाल वे फरार भी हैं। कल संभागायुक्त ने निलंबित कर उनका मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय अलीराजपुर रखा है। इधर सूत्रों का कहना है कि विशा वाधवानी ने कुछ समय पहले महू  में फार्म हाउस के लिए जमीन भी खरीदी। यह जमीन भी उनके नाम पर ही दर्ज होना बताई जाती है। इस जमीन की तार फेंसिंग भी पिछले दिनों की गई और इस पर निर्माण कार्य शुरू होना था, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के चलते यह काम नहीं हो सका। सूत्रों का कहना है कि इससे संबंधित दस्तावेज भी जल्द उजागर होंगे। वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक हलके में इस बात को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है कि एक नवागत अफसर इस तरह का घोटाला कैसे कर सकती है, जिसके चलते उसने अपना पूरा कॅरियर ही बर्बाद कर लिया। जबकि अभी नौकरी की शुरुआत ही हुई थी और 42 लाख रुपए की राशि बहुत ज्यादा भी नहीं है। इतनी राशि तो एक तहसीलदार, पटवारी या अन्य सालभर में ही कमा लेता है। ऐसे में एक एसडीएम द्वारा इस तरह की मूर्खतापूर्ण गलती की गई। कुछ समय पूर्व ही कलेक्टर ने इस मामले की जांच रिपोर्ट और निलंबन की सिफारिश संभागायुक्त को भिजवा दी थी।