बीजेपी सरकार ने तय किया एक साल का सफर,सरकार के कार्यो का बखान

उज्जैन ,(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी)   मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की सत्ता से विदाई के बाद शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में बनी बीजेपी सरकार ने एक साल का सफर तय कर लिया है. शिवराज सिंह चौहान का मुख्यमंत्री के तौर पर यह चौथा कार्यकाल है, लेकिन इस बार की सियासी स्थिति पिछली तीन पारियों जैसी नहीं थी. यह एक कांटो भरा ताज जैसा था. इसके बावजूद शिवराज सिंह ने एक तरफ अपनी टेंपरेरी सरकार को परमानेंट सरकार में तब्दील किया तो दूसरी तरफ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों के साथ-साथ बीजेपी नेताओं के साथ बैलेंस बनाए रखा. हालांकि, इस बार शिवराज अपनी छवि से इतर हिंदुत्व की राह पर चलते नजर आए, लेकिन साथ ही उन्होंने किसानों से लेकर युवा और आदिवासी समुदाय को पूरी तरह से साधकर रखा.

सोमवार को बीजेपी कार्यालय उज्जैन में पत्रकार वार्ता के दोरान विधायक पारस जैन व बीजेपी प्रदेश सह कोषाध्यक्ष अनिल जैन ने पत्रकारों को बताया कि शिवराज सरकार की सरकार का एक साल का कार्यकाल मंगलवार को पूरा हो रहा है, शिवराज सरकार के एक साल की उपलब्धियों को घर-घर पहुंचाने के लिए बीजेपी 4 दिन का अभियान शुरू कर रही है.  सरकार ने कोरोना महामारी रोकने में सफलता पाई. प्रदेश गेहूं उपार्जन में पहले, स्व-सहायता समूहों को कर्ज देने में दूसरे, जल जीवन मिशन के कार्यों में तीसरे, आत्मनिर्भर प्रदेश के मामले में दूसरे, फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों को कर्ज देने के मामले में पहले,आयुष्मान कार्ड बनाने में देश में पहले स्थान पर रहा. ऐसे ही कोरोना वॉरियर्स का टीकाकरण 86 फीसद हुआ, जो कि देश में सबसे ज्यादा है.

शिवराज सिंह भाजपा के राजनीतिक एवं सांस्कृतिक एजेंडे पर भी तेजी से अमल कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में लव जिहाद की घटनाएं सीमित हैं, इसके बावजूद शिवराज सिंह चौहान ने इसके खिलाफ सख्त कानून बनवाने की पहल करने में विलंब नहीं किया. शिवराज सिंह चौहान ने ‘गो-कैबिनेट’ गठित की. अपराध-अपराधियों पर काबू और शांति-कानून व्यवस्था की दृष्टि से शिवराज सिंह सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं. पिछले दिनों इंदौर और उज्जैन में उपद्रवी तत्वों ने जब धार्मिक जुलूसों पर घरों की छत से पथराव किया तो प्रशासन ने इसमें शामिल उपद्रवियों को जेल भेजकर अगले दिन उनके घर भी ध्वस्त करवा दिए. शिवराज सरकार ने इस बार के कार्यकाल में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों के खातों में मुआवजा राशि भेजी. किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना की ही तरह राज्य के किसानों को अतिरिक्त चार हजार रूपये प्रतिवर्ष सम्मान निधि दी. इस तरह से किसानों को अब 10 हजार रुपये सालाना मिल रहा है. इसके अलावा किसानों को बिना ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध कराने की योजना भी शुरू की गई है. राज्य में अधिकतर फसलों का एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर है. यह उन चंद राज्यों में शामिल है जहां सरकार ने किसानों की उपज का एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए भावांतर योजना लागू कर रखी है. यानी यदि किसानों को अपनी उपज एमएसपी से कम दर पर बेचनी पड़े तो मूल्य के अंतर की भरपाई सरकार करती है. यह वजह है कि किसान प्रधान प्रदेश होने के बावजूद एमपी में किसानों ने पंजाब और हरियाणा की तरह किसान आंदोलन खड़ा नहीं किया|