भारत और चीन के बीच‌ हालात तनावपूर्ण,LAC पर भाला लेकर जमे हुए हैं चीनी सैनिक

नई दिल्ली:(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) भारत और चीन के बीच‌ हालात कितने तनावपूर्ण बन गए हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 45 साल बाद एलएसी पर फायरिंग की घटना सामने आई है. भारतीय सेना के मुताबिक, सोमवार शाम को चीनी सेना ने भारत की एक फॉरवर्ड पोजिशन के करीब आने की‌ कोशिश की और डराने के इरादे से हवाई फायरिंग की.‌ लेकिन चीन ने उल्टा भारत पर ही वार्निंग-शॉट्स फायर करने का आरोप लगा डाला. फायरिंग के बाद से ही रेजांगला के करीब मुखपरी हिल पर चीनी सैनिक भाले और दूसरे हथियार लेकर भारतीय सेना से कुछ मीटर की दूरी पर जमे हुए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच ‘स्टैंडऑफ’ की स्थिति बनी हुई है. सोमवार रात चीनी मुखपत्र, ग्लोबल टाइम्स ने खबर दी की भारतीय सेना ने पैंगोंग-त्सो‌ झील के दक्षिण में एलएसी पार कर शेनपाउ माउंटेन (गॉड-पाउ) पर चीनी सैनिकों पर फायरिंग की है. चीन की पीएलए सेना के वेस्टर्न थियेटर कमांड ने भी बयान जारी कर भारत पर फायरिंग का आरोप लगाया. चीनी सेना के मुताबिक, शाम के वक्त चीनी सैनिक जब बातचीत के लिए भारतीय सेना की तरफ जा रहे थे उस वक्त भारतीय सेना ने चेतावनी देने के लिए वार्निंग-फायर किए.लेकिन सुबह होने पर भारतीय सेना ने चीनी सेना और चीनी मुखपत्र की पोल खोल दी. भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा कि चीनी सेना एलएसी पर भारत की एक फॉरवर्ड-पोजिशन की तरफ बढ़ रही थी, जब इसका विरोध किया गया तो चीनी सेना ने हवाई फायरिंग की. इस उकसावे वाली कारवाई के बावजूद भारतीय सैनिकों ने संयम बनाए रखा और बेहद परिपक्वता और जिम्मेदारी के साथ पूरी स्थिति को संभाला. जानकारी के मुताबिक, ये घटना सोमवार शाम 6-7 बजे की बीच हुई. पूर्वी लद्दाख के रेजांगला इलाके के उत्तर में मुखपरी हिल पर ये घटना हुई. चीन इस पहाड़ को गॉड-पाउ या फिर शेनपाउ के नाम से जानता है. ये पूरा इलाका चुशुल सेक्टर को अंतर्गत आता है. भारतीय सेना के प्रवक्ता, कर्नल अमन आनंद के मुताबिक सोमवार की घटना के दौरान भारतीय सेना ने ना तो एलएसी पार करने की कोशिश की और ना ही फायरिंग या फिर किसी और तरह का आक्रमक व्यवहार किया है. कर्नल अमन आनंद के मुताबिक, जहां भारत एलएसी पर परीस्थितियों के डिसइंगेजमेंट और डि-एस्केलेटेशन के लिए प्रतिबद्ध है, चीन घुसपैठ करने के लिए उकसावे की गतिविधियां जारी रखे हुए हैं.भारतीय सेना के मुताबिक, “यह पीएलए ही है जो सैन्य, राजनयिक और राजनीतिक स्तर पर बातचीत के साथ-साथ दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति के लिए हुए समझौते का उल्लंघन कर रही है और आक्रामक रवैया अपना रही है.” लेकिन साथ ही ये भी कहा कि भारतीय सेना सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन हर हालत में राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है.