टेसू के फूल से बने रंगो से बाबा महाकाल सबसे पहले खेलेंगे होली

उज्जैन(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) महाकाल मंदिर में होली व रंग पंचमी पर पंडे पुजारी आम-भक्त सिर्फ हर्बल गुलाल एवं प्राकृतिक रंगो का उपयोग कर होली पर्व मनाएंगे जिससे किसी को नुकसान ना पहुंचे।
 उज्जैन के महाकाल की होली भी विश्व भर में प्रसिद्ध है।  भगवान महाकाल के दरबार एक दिन पहले होली खेलने की परंपरा है। इसके बाद ही नगरवासी  होली का त्यौहार मनाते है 9 मार्च की संध्या होलीका दहन होगा  व् शयन आरती में पुजारी बाबा महाकाल को गर्भग्रह में हर्बल गुलाल लगाकर सबसे पहले होली खेलेंगे इसके बाद नंदीहाल व गणेश मंडप में आम भक्तों पर रंग गुलाल व फूल उड़ा कर होली का त्यौहार मनाएंगे संध्या आरती से शयन आरती तक मंदिर में होली की धूम मचेगी।
आप को बतादे कि मंदिर के पुजारी खुद  इस रंग को  टेसू के फूल लाकर तैयार करते हैं। एक दिन पहले ही फूल लाने के बाद इसे गर्म पानी में गला कर रंग तैयार किया जाता है रंग तैयार करने के बाद रंगपंचमी की भस्म आरती में सबसे पहले बाबा महाकाल को स्नान के साथ यह रंग चढ़ा कर होली खेली जाती है|