अधिकारियों की नौटंकी,दो नाव जब्त – मामला अवैध खनन का

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) जिला प्रशासन पर भारी पड़ रहे खनन माफिया पर अंकुश लगाने की मांग को लेकर अखिल भारत युवा हिंदू महासभा एवं मध्यप्रदेश युवा शिवसेना गौरक्षा न्यास ने गुरूवार को खनिज विभाग कार्यालय का घेराव किया। लगातार शिकायतों के बावजूद गंभीर में अवैध खनन को रोकने में नाकाम खनिज विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हाथों में गंभीर नदी में हो रहे अवैध खनन की तस्वीरें लेकर कार्यालय के गेट पर धरना दिया तथा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
अभा युवा हिंदू महासभा प्रदेश अध्यक्ष मनीषसिंह चौहान के अनुसार शहर की प्यास बुझाने वाले गंभीर डेम पर खनन करने वाले माफियाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। गंभीर नदी में दबंग लोग अवैध खनन खुलेआम कर रहे हैं, लगातार ज्ञापन, आंदोलनकर शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के बाद खनन विभाग ने केवल दिखावटी कार्यवाही कर स्वयं ही खनन माफियाओं को अग्रिम सूचना देकर वहां से हटा दिया और फिर नौटंकी करते हुए दो नाव जब्त की व उसे तोड़ने का फोटो खिंचाया। इसके बाद नाव फिर गंभीर नदी में खनन करने लग गई। चौहान के मुताबिक 25 अक्टूबर 2019, 30 अक्टूबर तथा 26 नवंबर को स्वयं मौके पर जाकर वीडियो बनाये गये जिसमें स्पष्ट खनन करने वाले दिख रहे हैं। प्रदर्शन में मौजूद राजेश पांचाल, अशोक चोहान, राहुल मोड़ावत, भगवानसिंह गौड़, लाखनसिंह दरबार, गौरे तिवारी, लखन परिहार, अन्नू नागर, उदयसिंह राणा, कृष्णा परमार, अशोक नायक, लखन गोयल, अभय लावरे, अरविंद गुर्जर, लखन सारवान, अंकिता शर्मा, लखन माली, मोहन शर्मा, अजय ठाकुर, कैलाश चावड़ा, मानसिंह दायमा, सुरेन्द्र यादव, कैलाश माली, रतनसिंह पटेल, राजेश नागर ने गंभीर में हो रहे अवैध खनन पर त्वरित अंकुश लगाने की मांग मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में की है।

40 नाव, मात्र 2 जब्त की, वह भी लौटा दी
मनीषसिंह चौहान ने बताया कि डेढ़ साल से लगातार प्रमाण एकत्रित कर 40 नावों की जानकारी, वीडियो, फोटो आदि कलेक्टर, खनिज अधिकारियों को दिये। इनमें से मात्र 2 नावे जब्त हुई और वे फिर खनिज विभाग ने इन माफियाओं को सौंप दी। दोषियों को बचाने की नियत से इन पर हुई कायमी, दंडात्मक कार्यवाही का अब तक खुलासा नहीं किया गया।
अधिकारियों की काॅल डिटेल की जांच हो, मिलीभगत दिख जाएगी
गंभीर नदी, छायनखेड़ी, गंभीर डेम, नलवा, हासामपुरा, अंबोदिया डेम व गंभीर डेम से सटे गांवों के किनारों पर खुलेआम अवैध खनन, खनन माफियाओं द्वारा खनिज विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों, होमगार्ड के संरक्षण में चल रहा है। शिकायत के 3-4 दिन दिखावटी कार्यवाही होती है, इस दौरान माफिया अपने संसाधन हटाकर गायब हो जाते हैं। पुलिस, खनिज अधिकारी रश्मि पांडे, निरीक्षक जयदीप नामदेव, होमगार्ड, शासन प्रशासन की मिली जुली सरकार से अवैध खनन हो रहा है। खनिज अधिकारियों, होमगार्ड व खनन माफिया की मिली जुली साजिश से चल रहे अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए इन सभी के मोबाईल नंबरों की काॅल डिटे की जांच की जाए तथा इनके आधार पर इनके संबंधों की जांच की जाए। दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों का दूरस्थ संभाग में स्थानांतरण किया जाएग ताकि अवैध खनन रूक सके।
क्षिप्रा, गंभीर ग्रीन बेल्ट में, फिर भी हो रहा खनन
ग्रीन बेल्ट होने से गंभीर नदी, क्षिप्रा नदी में खनन की अनुमति शासन ने नहीं दी है, फिर भी नानाखेड़ा के समीप क्षिप्रा नदी, मंगलनाथ पर क्षिप्रा नदी पर अवैध खनन हो रहा है। खाकचैक, नानाखेड़ा स्टेडियम, आगर नाका पर रेती मंडी अवैध रूप से संचालित है। इनकी रायल्टी व रेत लाने के माध्यम की जांच नहीं की जाती क्योंकि ये खनन विभाग के कमाउ पूत हैं और इनके पास भारी भरकम स्टाॅक है जिससे रेती की कीमतें बढ़ती हैं। यह समस्त अवैध खनन ग्रीन बेल्ट में हो रहा है जबकि एनजीटी के नियमानुसार यहां पर खनन की अनुमति नहीं है।
मुख्यमंत्री के राज में यह क्या हो रहा
एक ओर कम्प्यूटर बाबा अवैध खनन पर अंकुश लगाने की पहल कर रहे हैं तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री का वरदहस्त प्राप्त निर्दलीय विधायक एवं खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल द्वारा कम्प्यूटर बाबा के प्रयासों को हस्तक्षेप बताया जाकर उनकी निंदा की जा रही है। आखिर मुख्यमंत्री के राज में यह क्या हो रहा है, समझ से परे और दुखद है।