“सिया राम मैं सब जग जानी , करहूं प्रणाम जोरि जुग पानी”

संपादकीय…..

श्री रामचरितमानस की यह चौपाई आज चरितार्थ होती हुई दिखी आज मानवता के ऐसे मंदिर में श्री राम कथा व्यास परम पूज्य “सुलभ शांतु गुरु” जी के साथ जाने का मुझे सौभाग्य मिला जहां एक साधक एकांत में मौन होकर मानव सेवा की साधना कर रहा है उस साधना की तपोभूमि को “सेवा धाम” के नाम से सब लोग जानते हैं जिसके नाम में ही उसका उद्देश्य निहित है ऐसा स्थान जहां पहुंचकर शब्द भी निशब्द हो जाए और सोचे की अपनी झोली से ऐसे कौन से शब्द निकालूं जो इस सेवा को अपने शब्दों में श्रृँगार कर सकें ऐसी कठिन सेवा कोई साधु व्यक्ति ही कर सकता है सेवा के इस मंदिर में तकरीबन 600 से अधिक अति बीमार अवस्था में अपना रह बसर कर रहे हैं जिनका इस दुनिया में कोई अपना नहीं है उनके अपने ही उन्हें कहीं कचरे के ढेर में, तो कोई मंदिर के पास में, तो कोई बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर छोड़ गया था उन्हें सेवाधाम ने अपने परिवार का हिस्सा बना लिया और जब अपनाया तब वह ऐसी भयानक बीमारी से ग्रस्त थे जिन्हें छूना भी दूभर था ऐसे समय में उनका हजारों रुपए लगाकर इलाज कराया स्वस्थ बनाया और आज भी उनकी सेवा कर रहे हैं यहां नवजात बच्चों से लेकर वृद्धावस्था तक के बिमार लोगों का सम्पूर्ण इलाज कराकर मानवसेवा की जा रही है यहां हिंदू मुस्लिम सिख इसाई पूरा देश मानो एक स्थान पर रह रहा हो क्योंकि कोई ना कोई देश के किसी न किसी हिस्से से यहां आया हुआ है जब हम वहां सभी लोगों से मिलने गए तो एक 75 वर्ष से अधिक उम्र की हिंदू महिला से सुधीर भाई ने पूछा खाना खा लिया तो बोली नहीं आज एकादशी है मैंने आज बनी जलेबी को कल के लिए रख लिया है साथ ही जब हम आगे बढ़े तो एक बोहरा समाज की महिला से सुधीर भाई ने पूछा कैसी हो मोहर्रम कब है बोले आज रात यह सब सुनकर यूं लगा दीनदुनिया से दुर इतने कष्ट और अभावों में भी यह लोग अपना धर्म निर्वाह कर रहे हैं यहां मानो श्री रामचरितमानस की चौपाई “सीया राम मैं सब जग जानी।करहु प्रणाम जोरि जुग पानी” प्रकृति के कण-कण में ईश्वर समाया है उन्ही ईश्वर को यहां रहने वाले सभी मनुष्यों में देखकर उनकी सेवा कर ईश्वर की पूजा की जा रही हो जिन बीमारियों से यह लोग ग्रसित हैं यदि उनमें से कोई एक भी बीमारी आपके घर में रहने वाले किसी सदस्य को हो तो पूरा परिवार अशांत हो जाए लेकिन यहां 600 से अधिक बीमारों की शांत मन से सेवा की जा रही है मानवता के इस मंदिर के पुजारी व साधक का नाम “श्री सुधीर भाई जी गोयल” है जिनको बहुत बहुत साधूवाद,,,,

राजेश सिंह भदौरिया (बंटी)