भोजशाला एक जैन गुरुकुल था,शिलालेख ब्रिटिश म्यूजियम में आज भी है

 

धार.(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) भोजशाला मामले में गुरुवार को इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. भोजशाला का सर्वे कर रही आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से कोर्ट में रिपोर्ट जमा करने के लिए वक्त मांगा जा सकता है. हाईकोर्ट के आदेश पर ASI ने भोजशाला में 98 दिनों तक सर्वे किया है. इस एएसआई को इस सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में 2 जुलाई तक जमा कराना था, लेकिन रिपोर्ट तैयार नहीं की जा सकी.

ASI ने आवेदन देकर 4 हफ्ते की मोहलत मांगी है. एजेंसी ने विस्तृत रिपोर्ट बनाने के लिए समय मांगा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि हाईकोर्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए ASI को समय दे सकता है. 22 मार्च से 27 जून तक ASI ने 98 दिनों तक भोजशाला में सर्वे किया किया है. इसके अलावा आज भोजशाला पर जैन समाज की याचिका को स्वीकार और अस्वीकार करने पर भी फैसला होगा.

क्या है जैन समजा का दावा?
भोजशाल पर अधिकार को लेकर कुछ दिन पहले जैन समाज की ओर से इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. अब इसे स्वीकार या अस्वीकार करने को लेकर सुनवाई होगी. याचिका में जैन समाज का दावा है कि भोजशाला एक जैन गुरुकुल था. यह याचिका धार के विश्व जैन संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सलेक चंद जैन की ओर से लगाई गई है. याचिका में दावा है कि भोजशाला में जैन धर्म की अंबिका देवी और सरस्वती देवी की मूर्तियों के होने के साथ वहां जैन गुरुकुल होने के भी प्रमाण मिले हैं. मूर्तियों का जैन धर्म से संबंधित होने का शिलालेख ब्रिटिश म्यूजियम में आज भी है.

क्या है विवाद?
हिंदू पक्ष ने 1 मई 2022 को इंदौर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और शुक्रवार को मुस्लिम समाज नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड को अपवित्र कर देते हैं. इसे रोका जाए. भोजशाला का अधिकार हिंदुओं को सौंपा जाए. इसके लिए आवश्यक हो तो संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और खुदाई करवाई जाए. हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं के आधार पर सर्वे की मांग को स्वीकार किया था.