रक्त से हस्ताक्षर कर मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजा पत्र

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) पतित पावन महाकाल की नगरी उज्जैन को कत्लखाने से मुक्ति दिलाने के लिए ब्रह्मलीन संत प्रतितराम राम स्नेही के आंदोलन को स्वर्णिम भारत मंच ने कई वर्षों से चला रहा है। स्वर्णिम भारत मंच द्वारा कई बार जबरजस्त मांग करके प्रशासन को मजबूर किया है। इस बार एक बार फिर संतों ने स्वर्णिम भारत मंच के बनेर तले ऊर्जा गुरु अरिहंत ऋषिजी व स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती के नेतृत्व में पवित्र नगरी की हुंकार भरते हुए रक्त से हस्ताक्षर करके मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र भेजा है।
स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि महाकाल मंदिर के आसपास 2 किमी क्षेत्र में बड़ी संख्या में कत्लखाने मांस की दुकाने चल रही है, जिनको बन्द करवाने की लड़ाई वर्षों से स्वर्णिम भारत मंच लड़ रहा है। हर बार प्रशासन केवल आश्वासन देकर कागजों में कार्रवाही कर लेता है, परंतु वास्तविक कार्रवाही नहीं हो रही है, जिससे अक्रोशित होकर संत समाज भी उग्र हो चुका है। बड़ी संख्या में संतों ने एकजुट होकर स्वर्णिम भारत मंच के बैनर तले ऊर्जा गुरु अरिहंत ऋषिजी व हिन्दू आश्रम मुंबई के स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती, दिग्विजय दास जी, ज्ञानदास जी सहित अन्य संतों के नेतृत्व में मुख्यमंत्री कमलनाथ को रक्त से हस्ताक्षर करके पवित्र नगरी की मांग की है।
स्वर्णिम भारत मंच संतों के मार्गदर्शन बड़े आंदोलन की राह पर : पवित्र नगरी के लिए स्वर्णिम भारत मंच ने हर प्रकार से प्रशासन के समक्ष मांग रखी है परंतु हर बार की तरह जब प्रशासन कड़ी कार्रवाही नहीं करता है तो मंच ने प्रमुख संतों को आगे करते हुए पवित्र नगरी की लड़ाई को एक बार फिर आर-पार की लड़ाई कर दी है। अब संत समाज की एक जुटता ही पवित्र नगरी के अहम हो चुकी है।
महाकाल भक्त होते दु:खी, धर्म की नगरी में अंडा गली दुर्भाग्य : कत्लखाने मांस की दुकाने देख कर बाहर से आने वाले भक्त बहुत दुखी होते हैं, उनकी भावनाएं आहत होती है। बेबस होकर दर्शन करके लौट जाते हैं, पवित नगरी में अंडा गली का क्या काम है ऐसी अपशिष्ठ सामग्रियों की बिक्री तत्काल बन्द होना चाहिए।
नहीं मानी मांग तो : स्वर्णिम भारत मंच के बैनर तले होने वाले पवित्र नगरी के आंदोलन को जन आंदोलन बनाया जाएगा। समस्त अखाड़े, संत समुदाय को साथ लेकर प्रभावी आंदोलन खड़ा करके शासन प्रशासन को झुकने पर मजबूर कर देगा। इसके लिए सोमवार 22 अप्रैल को प्रशासन से स्वर्णिम भारत मंच चर्चा करके अपनी बात रखेगा।