धर्म गुरु ने उच्चतम न्यायालय में दायर की याचिका, कहा- मंदिर या मस्जिद नहीं, बल्कि बौद्ध मठ है ज्ञानवापी

नई दिल्ली:(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) ज्ञानवापी मस्जिद मामले में गुरुवार को उस वक्त नया मोड़ आया, जब एक बौद्ध धर्म गुरु ने उच्चतम न्यायालय  में याचिका दायर की और कहा कि ज्ञानवापी ना तो मस्जिद है और ना ही मंदिर, बल्कि वह एक बौद्ध मठ है. उन्होंने रिट याचिका में बौद्ध मठ को लेकर सर्वे कराए जाने की भी मांग की. बौद्ध धर्म गुरु सुमित रतन भंते की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि देश में तमाम ऐसे मंदिर हैं जो बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं.

याचिका के मुताबिक, ज्ञानवापी में पाए गए त्रिशूल और स्वस्तिक चिन्ह बौद्ध धर्म के हैं. केदारनाथ या ज्ञानवापी में जिसे ज्योतिर्लिंग बताया जा रहा है वह बौद्ध धर्म के स्तूप हैं और इसीलिए ज्ञानवापी न मस्जिद है औ न मंदिर है, बल्कि वह एक बौद्ध मठ है. सुमित रतन भंते ने देश में बौद्ध मठों की खोज शुरू की है.

इसके अंतर्गत उन जैन बौद्ध मठों की तलाश की जा रही है, जिन्हें तोड़कर मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल बनाए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘सभी मंदिरों और मस्जिदों को उनके मूल स्वरूप में आना चाहिए. जहां-जहां बौद्ध मठ से उनका स्वरूप बदल दिया गया है. बौद्ध मठों को अपने मूल स्वरूप में आना चाहिए. बौद्ध धर्म के मानने वालों की संख्या भी यही चाहती है.’