रात्रि भोजन एवं लिपिस्टिक का आजीवन त्याग,कन्या शिविर के समापन समारोह पर हुए विशिष्ट प्रवचन

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) 5 से 11 मई तक श्री राजेन्द्र सूरी जैन शोध संस्थान देवासरोड़ में गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद विजय नित्यसेन सूरीश्वर जी की शिष्या साध्वी डॉ. प्रीतिदर्शना श्रीजी सहित 7 साध्वी भगवन्तों की निश्रा में 7 दिवसीय मधुकर कन्या ज्ञानोपासना शिविर का समापन समारोह शिविररार्थीयो की अद्भुत संस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ सम्पन्न हुआ। इस शिविर में 110 बालिकाए ने हिस्सा ले कर जीवन निर्माण की कला से आलंबित हुई।

समारोह में स्वागत उदबोधन शोध संस्थान अध्यक्ष विधायक पारस जैन ने दिया। समारोह में शामिल होने देश के विभिन्न शहरों से अतिथि आये जिसमें विशेष अतिथि के रूप में अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जेन नवयुवक परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश छाजेड़, राष्ट्रीय महामंत्री सुधीर लोढ़ा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेन्द्र दंगवाड़ा, मीडिया प्रभारी ब्रजेश बोहरा, प्रदेश अध्यक्ष मोहित तातेड, महिला परिषद राष्ट्रीय महामंत्री संगीता पोरवाल, राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष जुली गोलेचा, तरुण परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य धोका, मध्यप्रदेश महिला परिषद अध्यक्ष सारिका कोलन, उज्जैन पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा, एडीएम अनुकूल जैन सहित अन्य अतिथि शामिल हुए। समापन समारोह पर साध्वी डॉ. प्रीतिदर्शना ने अपने प्रवचन में कहा कि हर बड़े काम की शुरुआत छोटे कदमों से होती है। सबसे पहले जो कदम आगे बढ़ाता है उसी का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है, कार्य करने की क्षमता चाहिए उसके बाद तो कई लोग जुड़ते चले जाते हैं।


मीडिया प्रभारी नितेश नाहटा एवं डॉ सचिन कासलीवाल ने बताया कि उज्जैन त्रिस्तुतिक श्रीसंघ के तत्वावधान में आयोजित इस शिविर समापन समारोह में अतिथियों ने अपना उदबोधन दिया। उज्जैन अधीक्षक सचिन शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के शिविर आयोजित किया जाना चाहिए जिससे बच्चों में धर्म एवं ध्यान दोनों को सिखाया जा सके और उसके महत्व को बताया जा सके। विधायक पारस जैन ने कहा कि संपूर्ण शिविर का अनुभव बहुत अच्छा रहा एवं आने वाले समय में भी कोई ऐसा शिविर लगाना चाहे तो उसकी पूरी मदद ट्रस्ट द्वारा की जाएगी। शिविर संयोजक पंकज रूणवाल, हुकमचंद चौरड़िया के साथ ही नमकमंडी श्रीसंघ अध्यक्ष राजबहादुर मेहता, नयापुरा संघ अध्यक्ष सुरेश पगारिया, प्रोफेसर भूपेन्द्र मेहता, अनिल भटेवरा, परिषद अध्यक्ष विजय कोठारी, योगेश पगारिया, महिला परिषद की आशा खाबिया, सुशीला सखलेचा, रजत मेहता, तरुण परिषद नमकमंडी अध्यक्ष रोहित कोठारी, नयापुरा तरुण परिषद अध्यक्ष यश सखलेचा, प्रियंका पीपाड़ा, मंगला डांगी ने अतिथियों का बहुमान किया। संचालन राजेश पगारिया ने किया एवं आभार अंशुल गिरिया ने माना। कार्यक्रम में त्रिस्तुतिक संघ के ट्रस्टीगण एवं परिषद के पदाधिकारी उपस्थित रहे। बच्चों ने शिविर में धर्म के विभिन्न नियमों का पालन करने का संकल्प लिया किसी ने रात्रि भोजन न करने का संकल्प लिया तो किसी ने लिपस्टिक का त्याग किया। रोजाना भगवान का जाप करने का तो किसी ने जल्दी उठ कर मंदिर जाने का नियम लिया। कई बच्चों ने अपने स्मरण सुनाते हुए कहा कि हम घर पर तो 8 बजे तक भी नहीं उठते थे और उठने के बाद भी हमारी दिनचर्या ऐसी होती थी कि पूरा दिन कहां चला जाता था पता ही नहीं लगता था लेकिन शिविर में आने के बाद हम प्रातः 5 बजे से नियमित उठकर सभी धार्मिक कार्य करते हैं बड़ा अच्छा लगता है संयम के मार्ग पर चलने मैं इस प्रकार के शिविर महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
मधुकर कन्या ज्ञानोपासना शिविर में शिविरार्थी की मंगल दिनचर्या प्रातः 5 बजे जागरण से प्रारंभ होती है जिसमें प्रातः 5.15 से 6 ध्यान-जाप, प्रातः 6 से 6.45 सूत्र संवेदना, प्रातः 6.45 से 7.15 जिन दर्शन, प्रातः 7.30 से 8.30 नवकारसी, प्रातः 8.45 से 9.45 ज्ञानार्जन, प्रातः 10.00 से 11.00 ज्ञानार्जन, प्रातः 11 से 12.30 अष्टप्रकारी पूजा, दोपहर 12.30 से 1.30 भोजन, दोपहर 1.30 से 2.30 विश्राम, दोपहर 2.30 से 3.30 ज्ञानार्जन, दोपहर 3.30 से 4.00 अल्पाहार, दोपहर 4.00 से 5.00 ज्ञनार्जन, सायं 5.00 से 5.30 मनोरंजन, सायं 5.30 से 6.30 भोजन, 6.45 से 7.45 प्रभू संवेदना, सायं 7.45 से 8.45 प्रतिक्रमरण, रात्रि 8.00 से 10.00 सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।