मणिपुर में फंसे छात्रों को एयरलिफ्ट कराएगी शिवराज सरकार- ग्रहमंत्री मिश्रा

भोपाल ।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) मणिपुर में हालात इन दिनों बहुत पेचीदा हैं. वहां हुई हिंसा के बाद फंसे छात्रों को अलग-अलग राज्यों ने रेस्क्यू कर लिया है, लेकिन मध्य प्रदेश  सहित कुछ अन्य राज्यों के लोग अभी भी वहां दंगा ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे हुए हैं. तनाव ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों के परिजनों ने भी सरकार से गुहार लगाई है कि वे उनके बच्चों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाल लें. ऐसे में मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि मणिपुर के सीएम से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की बात हुई है. हम भी हमारे स्तर पर बच्चों से बात करने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ बच्चों ने हमें वहां से निकालने की स्वीकृति दी है तो, कुछ का कहना है कि वे वहां सुरक्षित हैं.

नरोत्तम मिश्रा  ने कहा कि हम वहां पर फंसे हुए बच्चों को रुटीन फ्लाइट से एयरलिफ्ट कर पहले कोलकत्ता लाएंगे. उसके बाद उन्हें मध्य प्रदेश लाया जाएगा. बता दें कि मध्य्प्रदेश के गृहमंत्री का यह बयान आने के बाद मणिपुर में फंसे छात्रों के परिजनों ने राहत की सांस ली है. उन्हें भरोसा है कि उनके बच्चे अब सुरक्षित वापस आ जाएंगे.

मणिपुर में गई करीब 54 लोगों की जान
मणिपुर में पिछले कुछ दिनों से हिंसा और उन्माद अपने चरम पर है. राज्य के लगभग 10 जिले पूरी तरह से हिंसा की चपेट में हैं और आधिकारिक रूप से अब तक राज्य में हुए उपद्रव के कारण करीब 54 लोगों की जान जा चुकी है. इसी बीच मणिपुर की राजधानी इंफाल में स्थित राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय में पढ़ने गए मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के तीन विद्यार्थियों सहित प्रदेश के अन्य जिलों के लगभग 20 विद्यार्थी वहां फंसे हैं. इसी को लेकर उनके परिजनों ने भी सरकार से छात्रों को एयरलिफ्ट के जरिये रेस्क्यू कराने की गुहार लगाई थी.

इसी बीच नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है. गृहमंत्री ने कहा है कि लगभग 20 लोग मणिपुर में फंसे हुए हैं, जिनमें से कुछ लोगों के नंबर भी हमें मिल गए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारियों की मणिपुर के वरिष्ठ अधिकारीयों से बात हो गई है. हम खुद भी बच्चों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं.

परिजन भी लगा चुके हैं मदद की गुहार
बता दें कि मणिपुर हिंसा में फंसे छात्रों के परिजनों ने भी मध्य प्रदेश सरकार से मदद की अपील की थी. परिजनों ने बताया था कि उनके बच्चे वहां बहुत डरे सहमे हैं क्योंकि विश्वविद्यालय परिसर के पास ही बमबारी और गोलीबारी हो रही है. चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है. कई राज्यों के बच्चे अपनी सरकारों की मदद से वापस अपने घर जा चुके हैं. वह अपने बच्चों को भी घर वापस लाना चाहते हैं.