भारतीय परिवेश में दिखाया नारी श्रृंगार

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) पाश्चात्य संस्कृति और फैशन की अंधी दौड़ के बीच भारतीय सिंधु सभा एवं सिंधी समाज की महिलाओं ने भारतीय विरासत के सौंदर्य को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदर्शित किया। साड़ी में सजो प्रतियोगिता में समाज की महिलाओं और युवतियों ने दिखाया कि भारतीय परिवेश और संस्कृति विश्व की संपूर्ण संस्कृतियों में श्रेष्ठ है।  कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया गया। प्रतियोगिता में 220 से ज्यादा महिलाओं एवं युवतियों ने हिस्सा लिया। समाज प्रवक्ता दीपक राजवानी के अनुसार प्रतियोगिता हेतु 20 से 40 वर्ष, 41 से 55 वर्ष तथा 55 से अधिक की उम्र के तीन ग्रुप बनाए गए। जिनमें 20 से 40 वर्ष वर्ग में प्रथम कुमकुम खत्री, द्वितीय साक्षी सेठिया, तृतीय मीनाक्षी राजवानी रही। वहीं 41 से 55 वर्ग में प्रथम अनीता राजवानी, द्वितीय नेहा नाथानी, तृतीय डॉ. मीना वाधवानी रहीं। वहीं 55 से अधिक उम्र के प्रतियोगियों में प्रथम पुष्पा कोटवानी, द्वितीय रानी वाधवानी तथा तृतीय सुनीता कोटवानी रहीं। प्रतियोगिता में शामिल होने वाली शेष सभी महिलाओं को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे। विजेताओं को 14 अप्रैल को दशहरा मैदान में चेटीचंड महापर्व पर पुरस्कृत किया जाएगा। कार्यक्रम में विशेष रूप से पुष्पा कोटवानी, मोना चावला, स्वामी गजरानी, राधिका दादवानी, वर्षा आडवाणी, हंसा राजवानी, हीरादेवी खत्री, अनीता राजवानी, भावना, पूनम, वर्षा, हर्षिका, सरोज, शिवा कोटवानी उपस्थित रहे। संचालन डॉ. मीना वाधवानी ने किया। निर्णायक के रूप में इंदौर की कविता वाधवानी, सरिता मंगवानी उपस्थित थीं। आभार मोना चावला ने माना। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारतीय सिंधु सभा एवं सिंधी समाज की महिलाओं द्वारा भारतीय परिवेश प्रदर्शित करने का उद्देश्य भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ही फैशन के दौर में पाश्चात्य कपड़ों में रहने वाली महिलाओं को भारतीय परिवेश में नारी श्रृंगार से परिचित कराना था।