प्रताड़ना से परेशान महिला डॉक्टर ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखा ‘मेरे बच्चे को मां की कमी महसूस न होने देना’,उज्जैन ने निकालेंगे केंडलमार्च

दौसा। (स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) राजस्थान के दौसा जिले  में एक प्रसूता की मौत के बाद महिला डॉक्टर  पर हत्या का केस दर्ज होने और उसकी तरफ से सुसाइड  करने के बाद एक मार्मिक चिट्ठी सामने आई है। लालसोट में तैनात महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा सुसाइड केस में सुसाइड नोट सामने आया है। इस मार्मिक चिट्ठी में जो कुछ लिखा है, शायद उससे समझना आसान है कि महिला डॉक्टर के लिए खुद की जान लेने का फैसला कितना मुश्किल रहा होगा। चिट्ठी में एक मां की चिंता और बेकसूर होने का दर्द सब कुछ है। सुसाइड नोट में घटना से पहले डॉक्टर अर्चना शर्मा ने लिखा कि “मैंने कोई गलती नहीं की है, किसी को नहीं मारा, पीपीएच एक कॉम्प्लिकेशन है, इसके लिए डॉक्टरों को प्रताड़ित करना बंद करो। सुसाइड नोट के अंत में उन्होंने लिखा ‘प्लीज मेरे बच्चे को मां की कमी महसूस नहीं होने देना’।

दूसरी तरफ राज्य के डॉक्टर अर्चना की आत्महत्या के बाद विरोध में उतर आए हैं। डॉक्टरों ने जयपुर के सभी प्राइवेट अस्पतालों में हड़ताल की घोषणा की है। राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन और जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने भी आत्महत्या के लिए ‘कथित तौर पर उकसाने वाले दोषियों’ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं मामले में कुछ लोगों पर ब्लैकमेलिंग का भी आरोप लगाया। दौसा के SP अनिल बेनीवाल ने बताया कि अर्चना ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि गर्भवती महिला की मौत सामान्य प्रक्रिया के दौरान ही हुई थी। उन्होंने बताया कि महिला ने सुसाइड नोट में डॉक्टर ने निर्दोष डॉक्टरों को परेशान न करने का अनुरोध किया है।

पुलिस ने डॉक्टर पर दर्ज की थी एफआईआर
आपको बता दें कि दौसा के लालसोट कस्बे में डॉक्टर अर्चना शर्मा के प्राइवेट अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के सामने प्रदर्शन किया था। पुलिस ने जब डॉक्टर के खिलाफ लालसोट थाने में मामला दर्ज किया तब जाकर मामला शांत हुआ।

घटना से गुस्साएं दौसा और जयपुर के अस्पतालों में हड़ताल पर डॉक्टर
महिला डॉक्टर के पति की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर में घटनास्थल डॉक्टर ने खुद का घर बताया है। फिलहाल पुलिस महिला डॉक्टर के पति की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर की जांच कर रही है, वहीं सोमवार को प्रसूता के परिजनों के द्वारा कराई गई एफआईआर की भी जांच की जा रही है। महिला डॉक्टर सुसाइड केस के बाद निजी अस्पताल एसोसिएशन ने बुधवार को दौसा जिले में सभी प्राइवेट हॉस्पिटल बंद रखे, जिससे की जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई है।

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एक कुशल डॉक्टर की आत्म हत्या – सभ्य समाज के मुंह पर तमाचा
उज्जैन। उदयपुर दौसा में डॉक्टर अर्चना शर्मा के आत्महत्या पर उज्जैन आए.एम.ए. के सदस्यों ने दुख जताया व एक जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार शाम टावर चोक पर केंडलमार्च  निकलेगे

इसे लेकर राष्ट्रीय आए.एम.ए. और राजस्थान आए.एम.ए. के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनके संघर्ष में साथ देने के साथ ही भारत सरकार से उज्जैन आए.एम.ए निम्नलिखित मांगे करता है-
सरकार से माँग
-डॉ. अर्चना शर्मा व डॉ. सुनीत उपाध्याय पर धारा 302 लगाने वाले पुलिस ऑफ़िसर बर्खास्त हों एवं इन पर डॉ अर्चना शर्मा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज हो।
-वे असामाजिक तत्व, पत्रकार एवं स्थानीय नेता जो प्रसूता के परिजनों को उकसा कर मृत शरीर को वापस अस्पताल लाए उनकी पहचान और गिरफ़्तारी हो।
-पुलिस एवं प्रशासन द्वारा की गई असंवेदनशील एवं गैर कानूनी कार्यवाही को देखते हुए स्थानीय प्रशासन के उच्च अधिकारियों को निलम्बित किया जाए।
-चिकित्सा कर्मियों के विरुद्ध दर्ज होने वाले मामलों में जेकब मैथ्यू केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों की अक्षरश: पालना हो तथा नई एसओपी जारी हो, जो पुलिस अधिकारी एसओपी की अवहेलना करे, उस पर अदालत की अवमानना का केस दर्ज हो
-राजस्थान चिकित्सा परिचर्या क़ानून 2008 का सख्ती से पालन सुनिश्चित की जाए।
चिकित्सक समुदाय से आह्वान है कि इस लड़ाई को आर-पार की लड़ाई के रूप में लें तथा एसोसिएशन के निर्णय की अक्षरश: पालना करें।
जिन अख़बारों के पत्रकारों की भूमिका संदिग्ध है। उन अख़बारों का सख्ती से बोयकोट हो एवं कोई अस्पताल इन अखबारों में विज्ञापन न दे।
पीड़ित परिवार को यथा सम्भव समर्थन एवं सम्बल दें।