ग्रांड होटल, सिंहस्थ की जमीन, महाकाल मंदिर के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने लिखा पत्र,श्रध्दालुओं से दर्शन शुल्क लेने की परंपरा बंद करने का अनुरोध किया

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी)   जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष भरत पोरवाल द्वारा ग्रांड होटल को बेचने से रोकने, सिंहस्थ क्षेत्र की जमीन को आरक्षित रखे जाने तथा महाकाल मंदिर में आम श्रध्दालुओं से दर्शन के नाम पर वसूली जा रही राशि की परंपरा को बंद करने की मांग को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र लिखा तथा पोरवाल द्वारा की शिकायतों की जांच कराई जाकर व्यवस्थाओं पर पुनर्विचार का अनुरोध किया।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र लिखते हुए कहा कि पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष भरत पोरवाल ने नगर निगम उज्जैन द्वारा शहर के मध्य स्थित ग्रांड होटल को बेचने से रोकने, सिंहस्थ क्षेत्र की जमीन को आरक्षित रखे जाने एवं भगवान महाकाल मंदिर में आम श्रध्दालुओं से 200 से 1500 रूपये तक की राशि लेकर दर्शन कराये जाने की परंपरा को बंद करने का अनुरोध किया है। पोरवाल ने प्रशासन और नेताओं की मिलीभगत से सिंहस्थ की भूमि पर हरियाली को खत्म कर कॉलोनियों का निर्माण किये जाने की योजनाएं बनाने की आशंका व्यक्त की है। इस संबंध में समाचार पत्रों में भी खबर प्रकाशित की थी। इसी प्रकार ग्रांड होटल की जमीन बेचने के संबंध में भी समाचार पत्र में खबर प्रकाशित की जा चुकी है। स्थानीय मंत्री से लेकर प्रभारी मंत्री और सत्ताधारी दल के विधायक और सांसद ने भी चुप्पी साध रखी है। दिग्विजयसिंह ने मुख्यमंत्री चौहान से अनुरोध किया कि इन शिकायतों की जांच राज्य शासन स्तर से कराई जाए। पूरी दुनिया में धर्मप्रेमियों की श्रध्दा का केंद्र भगवान श्री महाकाल के दर्शन के लिए धनराशि लिये जाने की व्यवस्था पर भी पुनर्विचार कर वापस लिया जाना उचित होगा।