महालक्ष्मी मंदिर में सोने-चांदी के जेवर और सिल्लियां से किया श्रंगार,नोटों से खास वंदनवार बनाए 

रतलाम। (स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) मध्य प्रदेश के रतलाम जिले  में एक अनोखा महालक्ष्मी मंदिर है। जिस लोग कुबेर का खजाना कहते हैं। दरअसल हर साल दीपावली के मौके पर इस मंदिर में मां लक्ष्मी का दरबार गहनों और नोटों से सजाया जाता है। लोग अपने लाखों रुपये, सोने-चांदी के जेवर, सिल्लियां और जेवरात मंदिर में रखते हैं। यहां तक कि मान्यता है जो श्रद्धालु दिपावली से पहले जेवर और नकदी यहां भेंट करते हैं, उनका खजाना रातों-रात दुगुनी रफ्तार से बढ़ता है।बता दें कि मध्य प्रदेश के रतलाम जिले  में इस अनोखे महालक्ष्मी  मंदिर को लोग कुबेर का खजाना कहते हैं। हर साल दीपावली के मौके पर इस मंदिर में मां लक्ष्मी का दरबार गहनों और नोटों से सजाया जाता है। वैसे भी मंदिर में जमा हुए आभूषणों से दिवाली के पांच दिन तक महालक्ष्मी का श्रृंगार किया जाता है। इसकी प्रसिद्धि कुबेर के खजाना के नाम से है, हालांकि लगातार दूसरे साल भी कोविड के कारण भक्तों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा. सभी को बाहर से ही महालक्ष्मी और कुबेर के खजाने के दर्शन करने होंगे।सूबे के इस महालक्ष्मी मंदिर में बरसों से गहने और राशि चढ़ाने की परंपरा रही है। इस भेंट को बकायदा रजिस्टर में नाम और फोटो के साथ नोट किया जाता है इसे दिवाली के पांचवें दिन, भक्तों को प्रसादी के रूप में लौटा दिया जाता है।

चढ़ावा भी ऐसा कि सोने, चांदी की सिल्लियों सहित नोटों की गड्डियों के ढेर, जिसे देखने वालों की नजरें ही ठहर जाएं। इस बार भी लोगों ने लाखों रूपये की धनराशि, सोने चांदी की सिल्लियां सहित जेवरात मदिर में चढ़ावे के रूप में रखे हैं। धन की देवी के लिए 50 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नोटों से खास वंदनवार बनाए गए हैं। इससे पूरे मंदिर को सजाया गया है. नोटों की इन लड़ियों से मंदिर की खूबसूरती में चार चांद लग गए हैं। श्रद्धालुओं ने दिन रात मेहनत कर इन वन्दनवारों को तैयार किया है।