मास्टर प्लान का एक और खेल उजागर,पंवासा के किसानो की जमीनों को औधोगिक क्षेत्र में डाला

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) आवासीय एवं कृषि भूमि को मास्टर प्लान के उद्योग के लिए आरक्षित किया जा रहा है। मक्सी रोड स्थित वार्ड 40 पंवासा व वार्ड 41 नीमनवासा की कृषि भूमि जो पंवासा व नीमनवासा क्षेत्र में होकर शहरी क्षेत्र में स्थित है। उक्त कृषि भूमियों के आसपास रहवासी क्षेत्र व नवीन कॉलोनियों भी निर्मित हो चुकी हैं। उक्त भूमि पर कृषि कार्य किया जाता है। कृषि की दृष्टि से यह भूमि बहुत उपजाऊ भूमि है। कृषकों द्वारा इस भूमि पर 3 फसल पैदा की जाती है। इस क्षेत्र की भूमि पर बहुत से छोटे-छोटे किसान भी हैं जो अपनी जीविका खेती के माध्यम से चलाते हैं। जो भूमि उपजाऊ भूमि है उसे औद्योगिक कर उसके महत्त्व को मिटाया जा रहा है। सरकार एक ओर ऐलान करती है कि उज्जैन को स्मार्ट सिटी बनायेंगे, वहीं दूसरी ओर शहर के बीच रहवासी क्षेत्र में उद्योग होगा तो क्या सही होगा ? जो भूमि उद्योग के लिए चुनी गई है जैसे आगर रोड स्थित भूमि वादंका तथा मक्सी रोड स्थित ताजपुर की पथरीली भूमि व नरवर के पास नॉलेज सिटी इन भूमियों पर ही उद्योग खोले जाएँ, न कि शहर के बीच पंवासा व नीमनवासा कि जो भूमि है। वह भूमि कृषि दृष्टि व आवास की दृष्टि से उचित है, परन्तु यहाँ उद्योग खोले जाएँगे तो लोगों को भीषण बीमारियों का सामना करना होगा। सरकार जहाँ जनता के स्वास्थ्य की चिंता रखती है, वहीं दूसरी ओर बीमारियों के बढ़ाने के साधन भी कर रही है। क्या उद्योग के आस-पास रहने वाले लोगों का जीवन सुरक्षित
रहेगा ? आवासीय क्षेत्र में कई स्कूल व आँगनबाड़ी हैं। अगर इस बीच उद्योग होगा तो बच्चों के स्वास्थ्य का क्या होगा ? लगता है कि सफेद पोस व धनाड्य लोगों के  लिए ही यह मास्टर प्लान तैयार किया गया है। उक्त मामले को लेकर किसानों ने शासन प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की परन्तु संतोष जनक जवाब नहीं मिला। इस मामले को लेकर किसान मुख्यमंत्री से मिलेंगे,फीर भी अगर सुनवाई नहीं हुईं तो तो जनप्रतिनिधियों के घर के बाहर परिवार सहित आमरण अनशन करेंगे। इस मुद्दे को लेकर आज सभी किसान साथियों ने सिटी प्रेस क्लब पर पत्रकारों के समकक्ष अपना विषय रखा इस अवसर पर किसान संघर्ष समिति के प्रेम सिंह गौड़, तवर सिंह गौड़,लोकेंद्र सिंह गौर,भगवान सिंह गौड़ ,वीरेंद्र सिंह अटल मौजूद थे।