श्रावण एवं भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में पांचवी सवारी 19 अगस्त को सायं 04 बजे परम्परानुसार श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी अत्यंत धूमधाम से निकली। सवारी में भगवान श्री महाकालेश्वर ने विभिन्न स्वरूपों में भक्तों को दर्शन दिये। जिसमें पालकी में श्री चन्द्रमोलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश,बैलगाडी में गरूड पर शिवतांडव एवं बैलगाडी में नंदी पर श्री उमा-महेश के साथ डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविन्द विराजमान होकर अपनी प्रजा का हाल जानने निकले।
पालकी जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची वहां सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंची। रामघाट पर मॉं क्षिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया गया। पूजन के बाद सवारी निर्धारित मार्ग से महाकाल मन्दिर की ओर रवाना हुई।