सुरक्षाकर्मी और गर्भग्रह निरीक्षक मंदिर में अपना काम कर रहे थे, तभी उन्हें कुछ श्रद्धालु दिखाई दिए जिन्होंने बाबा महाकाल के नाम लिखी चड्डी पहन रखीं थीं. इन पर बाबा महाकाल के नाम के साथ ही त्रिपुंड भी बना हुआ था.गर्भग्रह निरीक्षक उमेश पांडे ने बताया कि शुक्रवार सुबह रेलिंग में कुछ श्रद्धालु दिखाई दिए. वह जो कपड़े पहने हुए थे उन पर बाबा महाकाल का नाम लिखा हुआ था.
उन्होंने बताया कि पहले उनकी नजर उनके कुर्तों पर पहुंची जिस पर बाबा महाकाल का नाम लिखा हुआ था, लेकिन इन श्रद्धालुओं ने जो चड्डे पहन रखे थे उस पर भी बाबा महाकाल के नाम के साथ त्रिपुंड का चिन्ह बना हुआ था. ऐसे कपड़े पहनकर श्रद्धालु मंदिर में आ रहे थे, जिससे सभी लोगों की धार्मिक आस्था आहत हो गई. जिसको देखते हुए तुरंत सुरक्षाकर्मियों के साथ मिलकर ऐसे श्रद्धालुओं को रोका गया. उनके चड्डे उतरवाने के साथ ही उन्हें फिर इस प्रकार के कपड़े पहनकर मंदिर में ना आने की हिदायत दी गई.
महाकालेश्वर मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने को लेकर कई बार पुजारी एवं पुरोहित आवाज उठा चुके हैं. लेकिन उनकी मांग को कोई सुनने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि यही कारण है कि श्रद्धालु मनमर्जी के कपड़े पहनकर भगवान के दर्शन करने चला आता है. वह कहते हैं कि सबसे अधिक फजीहत तो तब होती है जब कोई नाइट सूट तो कोई शर्ट-चड्ढा और लड़कियां शार्ट पहनकर ही बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंच जाती हैं. पुजारियों का कहना है कि उनके द्वारा पूर्व में किए गए विरोध को अनसुना किया गया. यही कारण है कि आज कुछ पुरुष श्रद्धालु ऐसे चड्डे पहनकर बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंच गए, जिन पर भगवान महाकाल का नाम लिखे होने के साथ ही त्रिपुंड भी बना हुआ था.
मंदिर और इसके आसपास बेचे जाने वाले कुर्तो पर पहले बाबा महाकाल का नाम लिखा हुआ था. लेकिन जैसे-जैसे श्रद्धालु कुर्तो के साथ अन्य सामग्रियों को भी खरीदने लगे तो मंदिर के बाहर ही कुर्ते के साथ चड्डो पर भी बाबा महाकाल के नाम लिखकर इन कपड़ों को बेचा जाने लगा. जिन श्रद्धालुओं को चड्डे पहने पकड़ा गया वह सभी बाहर के थे. उन्होंने बताया कि मंदिर में दर्शन करने के कुछ समय पहले ही यह कपड़े खरीद रहे थे. बताया जाता है कि श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति इस मामले में जल्द ही कोई ठोस कदम उठाने वाली है.