धूमधाम से निकली श्रावण माह की चतुर्थ सवारी,श्री चन्‍द्रमोलेश्‍वर स्‍वरूप में भक्‍तों को दिये दर्शन  

 उज्‍जैन 12 जुलाई 2024 ।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) भगवान श्री महाकालेश्‍वर की श्रावण माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में चौथे सोमवार को सायं 04 बजे परम्‍परानुसार श्री महाकालेश्‍वर भगवान की सवारी धूमधाम से निकली। सवारी में भगवान श्री महाकालेश्‍वर ने चार विभिन्‍न स्‍वरूपों में भक्‍तों को दर्शन दिये।
जिसमें पालकी में श्री चन्‍द्रमोलेश्‍वर, हाथी पर श्री मनमहेश, बैलगाडी में गरूड पर शिवतांडव एवं बैलगाडी में नंदी पर श्री उमा-महेश के स्‍वरूप में विराजमान होकर अपनी प्रजा का हाल जानने निकले।
श्री महाकालेश्वर भगवान की चौथी सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमोलीश्वर का  वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत, महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री लखन पटेल , कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंदिर दिलीप जायसवाल, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर , पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधिवत पूजन-अर्चन किया।  पूजन शासकीय पुजारी घनश्याम शर्मा ने सम्पन्न करवाया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर के सभामंडप में विधायक सतीश मालवीय, महापौर मुकेश टटवाल, संभाग आयुक्त संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह, नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति , पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा, श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत श्री विनीत गिरी जी महाराज,  उज्जैन, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु, राजेंद्र शर्मा ‘गुरु’, श्री राम पुजारी आदि ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन -अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए। सभी गणमान्यो में पालकी को कंधा देकर नगर भ्रमण हेतु रवाना किया।
कहारों द्वारा पालकी जैसे ही मंदिर के मुख्‍य द्वार पर पहुंची वहां सशस्‍त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई।
भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर की पालकी परंपरानुसार अपने निर्धारित मार्ग से होते हुए रामघाट पहुची ।
राजाधिराज भगवान महाकाल की सवारी में हजारों भक्त भगवान शिव का गुणगान करते हुए तथा विभिन्न भजन मंडलियां झांझ-मंजीरे, डमरू बजाते हुए चल रहे थे। सवारी मार्ग के दोनों ओर हजारों श्रद्धालु पालकी में विराजित चन्द्रमोलेश्वर के दर्शन के लिए खडे थे जैसे ही पालकी उनके सामने से निकली वैसे ही भगवान के गुणगान एवं पुष्प वर्षा कर अपने आपको श्रद्धालु धन्य मान रहे थे।
 रामघाट पर मॉं क्षिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया गया। इसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्‍यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर पहुंची। जहॉ सिंधिया ट्रस्‍ट के पुजारी द्वारा पालकी में विराजित श्री चन्‍द्रमोलेश्‍वर का पूजन किया गया।
 इसके पश्‍चात सवारी पटनी बाजार और गुदरी चौराहे से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्‍वर मंदिर पहुंची। मंदिर पहुंचने के पश्‍चात भगवान श्री महाकालेश्‍वर की संध्‍या आरती हुई।
 उज्जैन के कलाकार श्री के.बी.पंड्या एवं उनके साथियों द्वारा सम्पूर्ण सवारी मार्ग पर रंगोली बनाते हुए चल रहे थे ।
सवारी के दौरान आज श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान  के साथ तीन वैदिक विद्यालय महर्षि कण्व वेद विद्यालय,  महामृत्युंजय वेद विद्यालय ऋषि गुरुकुल के वैदिक वटुकों ने दत्त अखाड़ा क्षेत्र से  भगवान महाकाल के सवारी अवसर पर वेद मंत्र के पारायण से जन समुदाय को भाव विभोर कर दिया । इस समय के कुछ भाव चित्र
*घसिया बाजा नृत्य दल , सीधी श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में सम्मिलित हुवा*
श्री महाकालेश्वर भगवान की चौथे सोमवार की सवारी में भी  *मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी डॉ.मोहन यादव की मंशानुरूप 12 अगस्त 2024  को घासी जनजातीय घसिया बाजा नृत्य सीधी के श्री उपेन्द्र सिंह के नेतृत्व में  इनका दल श्री महाकालेश्वर भगवान की चौथी सवारी में  पालकी के आगे भजन मंडलियों के साथ अपनी प्रस्तुति दी।*
विंध्य मेकल क्षेत्र का प्रसिद्ध *घसिया बाजा* सीधी के बकबा, सिकरा, नचनी महुआ, गजरा बहरा, सिंगरावल आदि ग्रामों में निवासरत घसिया एवं गोंड जनजाति के कलाकरों द्वारा किया जाता है।  इस नृत्य के कलाकार इसे 12 अलग अलग तालों में पूरा करते है |  यह  गुदुम बाजा, डफली, शहनाई, टिमकी, मांदर, घुनघुना वाद्य यंत्रो का उपयोग करते है।
पंचम सवारी 19 अगस्त 2024 को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।