श्रावण मास में भक्तों को दर्शन करने में ना हो असुविधा, महाकाल मंदिर में बाहरी पुरोहित एवं संतों के जल चढ़ाने का समय निर्धारित हो 

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) महाकाल मंदिर में बाहरी पुरोहित एवं संतों का गर्भगृह में जल चढ़ाने का समय निर्धारित होना चाहिए। साथ ही जो लोग जल चढ़ाने जा रहे हैं उन्हें यह अनुमति किस आधार एवं पद के कारण दी गई हैं यह भी स्पष्ट होना चाहिए।  
साथ ही एक समय निर्धारित होना चाहिए। क्योंकि वर्तमान में ये लोग सुबह से शाम तक गर्भगृह में प्रवेश करते हैं और मनमानी से आना जाना करते हैं जो कि अनुचित हैं। इनका समय प्रातः 6 से 7 बजे तक निर्धारित किया जाना चाहिए तथा बाहरी पुरोहित एवं कुछ संतों को एक घंटे का समय जल चढ़ाने का निर्धारित किया जाए।  जल चढ़ाने के तुरंत बाद निरीक्षक द्वारा इन्हें बाहर किया जाना चाहिए। बाहरी पुरोहित एवं संतों के असमय आने के कारण पुजारियों पर आरोप लगते हैं। मंदिर समिति ने पुजारी एवं पुरोहित परिवार की महिलाओं का जल चढ़ाने का समय 15 दिन में एक बार प्रदोष पर प्रातः काल एक घंटा निर्धारित किया हैं। ऐसा ही समय बाहरी पुरोहितों एवं संतों का समय भी निर्धारित किया जाना चाहिए। पुजारी हितकारिणी सभा के अध्यक्ष गोपाल शर्मा एवं महामंत्री राम शर्मा उर्फ रामू गुरु ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति से यह भी मांग की हैं। श्रावण मास में भक्तों की भीड़ दर्शन करने के लिए उमड़ती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए व्यवस्था बनाई जाए। 
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