उज्जैन हुआ गुलाबी, बाबा जयगुरुदेव आश्रम पर उमड़ा सैलाब

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) बहुत से लोग सोचते है कि घर से सत्संग सुन लेंगे या पढ़ लेंगे तो ऐसे लोग दया से महरूम रह जाते है। गुरु की दया को पाने के लिए गुरु के दरबार मे आना होगा, उनका दर्शन दीदार करने से कर्मो का बोझ कम होता है और मनुष्य के जीवन में सुख शांति आती है इसलिए दया के इस कार्यक्रम में मालिक की दया, दुआ, बरक्कत लेने के लिए ज़रूर आना चाहिए।
मानव कल्याण के इन वचनों के साथ गुरूवार प्रातः 5 बजे बाबा जयगुरुदेव आश्रम पर संत उमाकान्त जी महाराज के सानिध्य में बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के सप्तम वार्षिक भंडारे का शुभारंभ हो गया। इस अवसर पर 50 हजार से ज्यादा भक्तगण मौजूद थे। महाराज जी ने सत्संग में कहा कि इतनी भीषण गर्मी में आप यहां गुरु के भंडारे पर आए है तो प्रकृति भी आपका साथ दे रही है इतनी तेज गर्मी में भी आश्रम के अंदर मौसम भक्तों के लिए अनुकूल है ये गुरु की दया है। भक्तों में भी गुरु के दर्शन और सत्संग सुनने के लिए इतने आतुर है कि उन्हें गर्मी से भी कोई फर्क नही पड़ रहा है। हर कोई बस अपने गुरु महाराज जी की दया और आशीर्वाद को पाना चाहता है।
गुलाबी का जलवा
जब से महाराज जी के आदेश से जयगुरुदेव संगतों की वेशभूषा का रंग गुलाबी हुआ है तब से ये महाराज जी के भक्तों की पहचान बन गया है। जयगुरुदेव आश्रम के 100 एकड़ में बने इस आश्रम में भी जिधर देखो हर भक्त गुलाबी रंग की वेशभूषा में नज़र आते हैं। कोई किसी भी धर्म, राज्य और समाज का हो पर उसके तन पर गुलाबी रंग के वस्त्र होते है। यही कारण है कि उज्जैन बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या सड़क मार्ग जिधर देखों गुलाबी रंग का जलवा देखने को मिल रहा हैं।
विशिष्टजनों का आगमन
बाबा जयगुरुदेव जी के इस भंडारे में महाराज जी के दर्शन करने और उनसे आशीर्वाद लेने के लिए आश्रम पर आ रहे है। गुरूवार को पूर्व मंत्री पारस जैन आश्रम पर पधारे और महाराज जी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया इसके साथ ही अनेक सामाजिक, व्यापारिक, विशिष्ट व्यक्तित्त्वों द्वारा आश्रम पर आना जारी है।
विदेशों से भी आए भक्त
महाराज जी के सानिध्य में मनाए जा रहे इस सप्तम भंडारे में भारत के सभी राज्यों के अलावा अमेरिका, इंग्लैंड, दुबई, थाईलैंड, ओमान, क़तर, अफ्रीका, मलेशिया, श्रीलंका सहित अनेक देशो से नज़रो भक्त आश्रम पर पहुच चुके है।
शाम को सत्संग
महाराज जी द्वारा इस भंडारे के अवसर पर सवेरे 5 बजे और शाम 6 बजे सतसंग और जीव कल्याण का नाम नामदान दिया जाएगा।