जैन समाज द्वारा बंद का आह्वान  उज्जैन सहित कई शहरों में बंद सफल… कई संगठनों से मिला समर्थन

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) जैन तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में जैन समाज द्वारा बंद के  आह्वान का उज्जैन के साथ ही प्रदेश के कई शहरों में असर देखा गया है। जैन समाज के आग्रह पर विभिन्न संस्थान और संगठनों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे । बुधवार को बंद के चलते उज्जैन, इंदौर, भोपाल, धार, रतलाम, झाबुआ में बंद रहा।

उज्जैन में बंद के लिए सुबह से जैन समाजजनों के अलग-अलग समूहों ने अन्य प्रतिष्ठान संचालकों से भी अपना कारोबार बंद रखने अनुरोध किया। जैन समाज द्वारा उज्जैन बंद के आह्वान को होलसेल दवा बाजार, होलसेल कपड़ा बाजार, विक्रमादित्य क्लॉथ मार्केट, अनाज मंडी, चिमनगंज मंडी, होलसेल किराना व्यवसाय एवं अन्य व्यापारी एसोसिएशनों द्वारा भी समर्थन दिया जा रहा है।

श्री सम्मेद शिखर जी को सोरेन सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में बुधवार को सभी समाजजन अपना व्यापार, कारोबार, प्रतिष्ठान बंद रखकर विरोध जताया।

कई संगठनों से मिला समर्थन

उज्जैन नगर का जिला के कायस्थ समाज ने भी समर्थन किया। यह विचार कायस्थ समाज के मंगेश श्रीवास्तव एवं समाज के कई बड़े वरिष्ठजन का कहना है कि सकल जैन समाज की ओर से देशभर में सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने के बजाए पवित्र स्थल घोषित करने की मांग को लेकर उज्जैन कायस्थ द्वारा समर्थन करना वहीं देश के प्रधानमंत्री एवं हमारे देश की राष्ट्रपति व प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मांग की कि धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ा ना हो हर तीर्थ क्षेत्र की अपनी एक पवित्रता व मर्यादा और गरिमा होती है। इसे भंग करने का किसी को भी अधिकार नहीं। यह बात झारखंड सरकार को समझना चाहिये वहीं तीर्थ स्थलों को पर्यटन स्थल घोषित नहीं करना चाहिये। यह बात कायस्थ समाज के मंगेश श्रीवास्तव ने की साथ में कायस्थ समाज के अमित श्रीवास्तव, गणेश गौड़, निखिलेश खरे, निकलेश कारा, निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव, पल्लवी श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव, हरसिध्दि श्रीवास्तव, अमित सर, आरती खरे, अनिल श्रीवास्तव, भारत सक्सेना, मास्टर दिनेश श्रीवास्तव, ब्रजेष श्रीवास्तव, दीपक कुलश्रेष्ठ, सुमेघ भटनागर, त्रिलोक निगम, एड देवेन्द्र श्रीवास्तव, सोनू, निहारिका श्रीवास्तव ने भी समर्थन किया। साथ ही संपूर्ण कायस्थ समाज ने जैन समाज द्वारा किये आंदोलन को समर्थन दिया।