भस्मारती व्यवस्था बनी कश्मीर जैसी समस्या- डॉ. अवधेशपुरी

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) विश्व प्रसिद महाकाल मंदिर में होने वाली भस्मारती की व्यवस्था कश्मीर जैसी समस्या जैसा रूप लेती जा रही है। विगत कई वर्षों से भस्मारती के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार एवं धांधली का मंदिर प्रशासन कई अधिकारियों के तबादले करने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकाल पाया है। 4 लोगों के नाम पर ही 193 भस्मारती परमिशन बनाने वाली घटना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। इस घटना से विश्व प्रसिध्द महाकाल की छबि पुनः एक बार धूमिल हुई है तथा भस्मारती व्यवस्था में धांधली करने वाले संगठन व लोगों के चेहरे बेनकाब हुए हैं। ऐसे ही स्वार्थी तत्व भस्मारती परमिशन में हो रहे भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं होने देना चाहते। प्रशासन को भी गुमराह करते हैं। यही कारण है कि भस्मारती में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने की दिशा में कोई समाधान नहीं हो पाया है।   उक्त बात कहते हुए परमहंस डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने कहा कि भ्रष्टाचार का प्रमुख कारण भस्मारती की ऑफलाईन वीआईपी परमिशन है। आश्चर्य की बात है कि यहां सामान्य से अधिक वीआईपी परमिशन होती हैं। ये कैसे वीआईपी है समझ से परे हैं। इस व्यवस्था के कारण एक सच्चा श्रध्दालु भगवान के दरबार में भी अपने आप को ठगा हुआ व बौना महसूस करता है। जबकि वास्तव में भगवान के यहां तो श्रध्दा एवं भक्ति के पैमाने के आधार पर ही बड़ा या छोटा भक्त हो सकता है न कि भौतिकता, अथक रसूख के पैमाने पर। इसके लिए केवल वीआईपी को ही वीआईपी माना जाना चाहिये उनके रिश्तेदारों को नहीं।   भस्मारती भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाए अलग से समिति   इस व्यवस्था में सुधार के लिए योग्य एवं अनुभवी लोगों की 11 सदस्यीय एक समिति का गठन करना चाहिये जो ि कइस व्यवस्था पर अपने सुझाव प्रस्तुत कर चिंतन कर कोई स्थाई क्राउड मैनेजमेंट पर फोकस करना चाहिये जो कि प्रबंध समिति का दायित्व भी है। वर्षों से भस्मारती भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए अभियान चला रहे क्रांतिकारी संत डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने भस्मारती की व्यवस्था में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा था।