भारत रत्न खान अब्दुल गफ्फार की जयंती मनाई

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी)सर सैयद अहमद वेल्फेयर सोसायटी द्वारा गुरूवार को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं भारत रत्न खान अब्दुल गफ्फार खान (सीमांत गांधी) की जयंती पर विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में समाजसेवी नियामतुल्लाह खान को खान अब्दुल गफ्फार खान अवार्ड से सम्मानित किया गया।
मार्गदर्शक हाजी इकबाल हुसैन के अनुसार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एक्साइज इंस्पेक्टर श्रीकांत वर्मा थे तथा अध्यक्षता धर्मेन्द्र राठौर ने की। विशेष अतिथि के रूप में जिला हज कमेटी अध्यक्ष नईम खान, पार्षद मुजफ्फर हुसैन, शिक्षाविद् इरफानउल्ला एवं संजय जोगी उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत मो. इमरान, फैयाज खान, शेख रियाज, शरीफ खान, अनुदीप गंगवार, चेतन ठक्कर ने किया। संचालन मो. रईस ने किया एवं आभार संस्था अध्यक्ष मो. इकबाल उस्मानी ने माना। श्रीकांत वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि खान अब्दुल गफ्फार खान एक महान आध्यात्मिक राजनेता थे। आपने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। आपके कार्य और अहिंसात्मक कार्यों के लिए आपको सीमांत गांधी के नाम से पुकारा जाता है। आपने अंग्रेज शासन के खिलाफ सभी आंदोलनों में भाग लिया। देश की आजादी की लड़ाई का एक बहुत प्रेरक पक्ष खान अब्दुल गफ्फार खान के अथक और गहरी निष्ठा के प्रयासों से जुड़ा है। जिनमें असीमित साहस और सहन-शक्ति का अनोखा मिलन था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी आपका बहुत आदर करते थे। आपको अंग्रेजों ने जेल भेज दिया, जेल में गुरूग्रंथ साहब और भागवद्गीता का अध्ययन किया। नागरिक अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में खुदाई खिदमतगारों ने आपके नेतृत्व में बहुत साहसी भूमिका निभाई। बादशाह खान को अंग्रेज शासकों ने बार-बार जेल में डाला। 1942 में ही आपके बारे में पंडित नेहरू ने कहा था, बहुत कम लोग जानते हैं कि खान अब्दुल गफ्फार चुप रहकर महान कार्य कर रहे हैं। आपके आडम्बर में विश्वास नहीं करते लेकिन लोगों से मिलने देश के विभिन्न हिस्सों में जाते उन्हें संगठित करते और प्रोत्साहित करते थे। देश के विभाजन से आप सहमत नहीं थे। आप धर्म निरपेक्ष थे इसी कारण आप पर 1947 जानलेवा हमला हुआ। आपके द्वारा देश की आजादी में योगदान और धर्म निरपेक्षता के लिए आपको देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से 1987 में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पत्रकार धर्मेन्द्र राठौर ने कहा कि सीमांत गांधी ने देश की आजादी के आन्दोलनों में जो योगदान दिया है उसे देश भुला नहीं पाएगा। आजादी मिलने के बाद 1969 में गांधी शताब्दी वर्ष में आप के दिल्ली एयरपोर्ट पर आगवानी करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा और जयप्रकाश नारायण भी पहुंचे।