आस्था का केंद्र बना उज्जैन का बगलामुखी मंदिर, दर्शन के लिए आ रहे है सैकड़ों भक्त

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) शारदीय नवरात्रि में उज्जैन के सिद्धपीठ मां बगलामुखी मंदिर में दर्शन के लिए प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। धार्मिक, पौराणिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक तथा राजनैतिक नगरी उज्जयिनी जो कि विश्व के मानचित्र पर 23-11 उत्तर अक्षांश तथा 75-43 पूर्व रेखांश पर उत्तर वाहिनी शिप्रा नदी के पूर्वी तट पर भू-मध्य और कर्क रेखा के मिलन स्थल पर स्थित है और इसी नगरी के प्राचीन महाकाल वन में सिद्ध पीठ के रूप में मणिपुर चक्र नाभीस्थल सिद्धभूमि पर भर्तृहरि गुफा के महंत पीर योगी श्री रामनाथ महाराज द्वारा वीर सावरकर प्याऊ, भैरवगढ़ रोड पर मां बगलामुखी की स्थापना की हैं। बगलामुखी धाम में नित्य नाथ सिद्धू पुजारी द्वारा अद्भुत श्रृंगार, आरती की जाती है। मां बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या कहलाती हैं।

यह मंदिर हरे-भरे प्राकृतिक सौन्दर्य एवं आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह देश के सुदूर प्रदेशों से आए भक्तों, साधकों, दर्शनार्थियों को एक अद्भुत शांति एवं सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। मंदिर में मां बगलामुखी के अतिरिक्त, मां प्रत्यंगिरा देवी, नवदुर्गा, स्फटीक शिवलिंग, नवनाथ, महावीर हनुमान, महाबली भैरवनाथ, पीर योगी मलंग सरकार की जीवित समाधि के भी दर्शन होते हैं। वहीं ग्यारह कुण्डीय यज्ञशाला  अपना विशिष्ट स्थान रखती है। इस पवित्र स्थल पर नियमित पूजा, अर्चना, यज्ञ एवं अनुष्ठान स्थानीय एवं बाहर से आये भक्तों, साधु-संतों, विशिष्टजनों, राजनेताओं द्वारा मनोकामनाएं हेतु महंत पीर योगी रामनाथ महाराज के सानिध्य में योग्य एवं विद्वत पंडितों से कराए जाते हैं।  मां बगलामुखी का विशेष यज्ञ तांत्रिक षट्कर्मों में विशेषकर स्तंभन के लिए रामबाण माना जाता है। यह यज्ञ विशेषकर सुख-समृद्धि, राजनैतिक- लाभ, वाक्- सिद्धि, संतान- प्राप्ति, तंत्र- सिद्धि, गृह- शांति, शत्रुनाश, वशीकरण, उच्चाटन, रोग, दरिद्रता, मुकदमा एवं जेल से मुक्ति जैसे असाध्य कष्टों के निवारण के लिए किया जाता है। देश के विभिन्न भागों से दर्शनार्थी यहां अपनी समस्याओं के निराकरण हेतु माता के दर्शन करने आते हैं। माता सभी की मनोकामनाऐं पूर्ण करती है।