राजपूत समाज का भजन गायन

उज्जैन/(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) वर्तमान भौतिकतावादी जीवनचर्या में 3डी कलचर को छोडकर अध्यात्म की चर्चा और भजन की प्रतियोगिता अपने आप में ही अनूठा आयोजन है जिसे क्षत्रियों और क्षत्रणीयों ने आयोजित किया हो तो यह और ही अनूठा कार्यक्रम हो जाता है। उक्त विचार राजपूत आध्यात्मिक मण्डल द्वारा 20वें श्री राम चरितमानस वार्षिक पारायण समारोह के अन्तर्गत आयोजित भजन गायन प्रतियोगिता के अवसर पर अतिथियों एवं निर्णायकों द्वारा व्यक्त किए गए।
यह जानकारी मण्डल के संचालक सदस्य श्री जयवीर सिंह सेंगर ने दी। आपने बताया की 20वें श्री रामचरित मानस वार्षिक पारायण समारोह के अन्तर्गत भजन गायन प्रतियोगिता आयोजित की गई प्रतियोगिता में राजपूत समाज के वरिष्ठ समाजसेवी श्री रामप्रताप सिंह राठौर व श्री महेश सिंह तोमर अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत श्री विजय सिंह भदौरिया, श्री बुद्ध सिंह सेंगर, श्री रामसिंह भदौरिया, श्री रामदत्त सिंह चौहान ने किया। प्रतियोगिता तीन वर्गो पुरूष, महीला, व बाल वर्ग में आयोजित की गई जिसमें 50 से अधिक 6 वर्ष से 65 वर्ष तक के प्रतिभागियों ने सम्मिलित होकर भजनों की प्रस्तुति दी। निर्णायक के रूप पं. माधव तिवारी व सुश्री अर्चना तिवारी उपस्थित थे निर्णायको का स्वागत मण्डल की और से श्रीमती बाला पवार, श्रीमती सीमा भदौरिया, डॉ. सूरज सिंह व विनय सिंह सेंगर ने किया। प्रतियोगिता में बाल वर्ग में कु. सृष्टि भदौरिया- प्रथम, कु. साक्षी भदौरिया- द्वितीय मा. हिमांशु सिंह सेंगर तृतीय। महीला वर्ग में श्रीमती नंदा पंवार-प्रथम श्रीमती आरती जादौन-द्वितीय, श्रीमती सीता तोमर-तृतीय रही। पुरूष वर्ग में श्री महेन्द्र सिंह राजपूत-प्रथम, सत्येन्द्र सिंह सेंगर द्वितीय, हरिसिंह चौहान-तृतीय रहे। तथा छोगालाल एवं सत्यनारायण को विशेष प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया जावेगा। समस्त विजेताओं को 20 जनवरी को श्री मायापति हनुमान मंदिर प्रांगण में आयोजित मुख्य समारोह में पुरस्कृत किया जावेगा।कार्यक्रम का संचालन के.व्ही.सिंह राजावत ने किया तथा आभार राजेश सिंह भदौरिया ने व्यक्त किया।