उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) स्पीक मैके के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रमों की शृंखला के अंतिम दिवस शुक्रवार को कोलकाता की युवा नृत्यांगना शताब्दि मल्लिक ने दो स्कूलों में प्रस्तुतियां देकर बच्चों व स्कूल स्टॉफ को मंत्रमुग्ध तो किया ही। उन्होंने नृत्य की कई महत्वपूर्ण जानकारियों से भी अवगत कराया।
शताब्दि ने प्रथम प्रस्तुति सुबह 8.30 बजे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हामूखेड़ी में दी जहां उन्होंने मंगलाचरण में श्रीराम हरिदास द्वारा संगीतबद्ध एवं एक ताल व चार मात्रा में निबद्ध शिव स्त्रोत गंग तरंग कमयिनी में अर्चना प्रस्तुत की तत्पश्चात आपने छात्र-छात्राओं को बताया कि ओडिसी नृत्य दो भंगिमाओं पर आधारित है। पहला चौक जिसमें भगवान श्री को दर्शाया जाता है। वहीं दूसरा श्रीभृंगी जिसमें भगवान श्री कृष्ण को दर्शाया जाता है। इस नृत्य के तीन मुख्य घराने है जिसमें प्रथम गुरु पंकजचरण दास, दूसरा गुरु केलूचरण महापात्र व तीसरा गुरु देवोप्रसाद दास है। इन तीन घरानों की वेशभूषा में ही अंतर नहीं बल्कि प्रस्तुतियों में भी भिन्नता नजर आती है। यहां पर उन्होंने बच्चों को हस्त मुद्राओं, ग्रीव एवं नैत्र संचलन सिखाते हुए उनका दैनिक जीवन में उपयोग भी बताया। यहां आभार प्रधान अध्यापिका श्रीमती अनिता चौरे ने माना। दूसरी प्रस्तुति शासकीय माध्यमिक विद्यालय दताना में सुबह 10.30 बजे से हुई। यहां उन्होंने मंगलाचरण में गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु श्लोक पर प्रस्तुति देते हुए उड़िया कवि बन माली द्वारा रचित काव्य के पद्य पर कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए नृत्य किया। इस प्रस्तुति में नृत्यांगना ने अपने अभिनय की छाप छोड़ी। अंत में उपनिषद में वर्णित शांति मंत्र के द्वारा अपने कार्यक्रम का सुंदर समाहार किया। यहां पर आभार शिक्षक दशरथसिंह गोयल ने माना। शिक्षकों ने नृत्यांगना की प्रस्तुतियों के साथ स्पीक मैके के इस अभिनव प्रयास की खूब सराहना की।