उज्जैन सिंहस्थ की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मुख्यमत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग ने आशीष सिंह को सौंपी है और पिछले कई दिनों से उनके तबादले की सुगबुगाहट चल रही थी, क्योंकि उज्जैन संभागायुक्त का पद पिछले कई दिनों से खाली ही पड़ा था। इन्दौर कलेक्टर के रूप में आशीष सिंह का कार्यकाल 19 माह का रहा, मगर उसके पूर्व से जिला पंचायत सीईओ और निगम कमिश्नर के रूप में अपने कार्यों की छाप छोड़ चुके थे और प्रशासनिक मुखिया के रूप में भी उनका कार्यकाल बेहतर रहा। एक तरफ उन्होंने अवैध कालोनियों के मामले में कड़ी कार्रवाई करवाई और एफआईआर दर्ज करवाने के साथ भूखंड पीडि़तों को न्याय दिलवाया तो दूसरी तरफ मंदिरों से लेकर मिलों और नजूल की जमीनों को बचाने और कब्जे में लेने की कार्रवाई भी की। रेसीडेंसी एरिया का सर्वे भी पूरा करवाने के बाद अब उसमें भी जल्द महत्वपूर्ण आदेश जारी किए जाना है। आशीष सिंह का कहना है कि इन्दौर में काम करने के उनके अनुभव बड़े अच्छे रहे हैं। इन्दौर देश का पहला जिला रहा है, जिसे भिखारी मुक्त किया गया, साथ ही जिले की सभी पंचायतों में एक-एक उद्योग भी स्थापित करवाए गए, वहीं आशीषसिंहने अपने कार्यकाल के साथ दबंगता के साथ ऐसे कई निर्णय लिए, जिसके असर आने वाले समय में नजर आएगा। अब सिंहस्थ हब के रूप में इंदौर पर उनका विशेष ध्यान रहेगा।

कलेक्टर आशीष सिंह ने इन्दौर को किया भिखारीमुक्त,अब सिंहस्थ हब के रूप में भी इन्दौर पर रहेगा फोकस
इंदौर।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) 19 माह के कार्यकाल में कलेक्टर के रूप में आशीष सिंह ने अपनी छाप छोड़ी। विभाग समन्वय के साथ राजनेताओं से भी उनका तालमेल बेहतर रहा। होप टेक्सटाइल, खेड़ापति हनुमान मंदिर सहित करोड़ों रुपए मूल्य की बेशकीमती जमीनों को उन्होंने छुड़वाते हुए कब्जे में लिया और इन्दौर को भिखारीमुक्त भी बनाया। यातायात सुधार के मामले में उनका कहना है कि नए प्लायओवरों के निर्माण और 150 चौराहों पर सुधार के लिए भी प्रोजेक्ट तैयार करवाए हैं, जिन पर अमला होने से शहर की यातायात व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण सुधार दिखेगा, वहीं सिंहस्थ हब के रूप में इन्दौर पर उनका फोकस रहेगा।