गुजरात एटीएस ने बताया कि संदिग्ध काफी समय से कट्टरपंथी गतिविधियों में सक्रिय थे। साथ ही अल-कायदा के डिजिटल नेटवर्क से जुड़े हुए थे। जांच में सामने आया है कि ये लोग व्हाट्सएप और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर ग्रुप बनाकर कट्टरपंथ फैलाने की कोशिश कर रहे थे और दूसरों को आतंकी विचारधारा से जोड़ने में लगे थे।
गुजरात एटीएस का कहना है कि ये आतंकी जाली भारतीय मुद्रा नेटवर्क से भी जुड़े थे। अरवल्ली जिले से गिरफ्तार किए गए एक संदिग्ध के पास से फर्जी नोट और डिजिटल सबूत बरामद हुए हैं। माना जा रहा है कि ये मॉड्यूल आतंकी फंडिंग में फर्जी नोटों का इस्तेमाल कर रहा था।इस ऑपरेशन को एटीएस डीआईजी सुनील जोशी के नेतृत्व में अंजाम दिया गया।
गुजरात एटीएस ने तीन आतंकियों को दिल्ली और यूपी से गिरफ्तार किया, जबकि चौथे आतंकी को गुजरात के अरवल्ली जिले से पकड़ा गया। यह गिरफ्तारी एटीएस द्वारा पहले से चल रहे लंबे समय के इंटेलिजेंस मॉनिटरिंग का नतीजा है। गुजरात एटीएस ने इससे पहले भी आतंकी संगठनों से जुड़े संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
जून 2023 में पोरबंदर से पकड़े गए आतंकी इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रांत से जुड़े पाए गए थे। ऐसे मामलों में एटीएस की लगातार चौकसी से राज्य में आतंकी साजिशों पर नकेल कसी जा रही है।फिलहाल सभी गिरफ्तार आतंकियों से गहन पूछताछ की जा रही है और उनके नेटवर्क, फंडिंग स्रोतों और संभावित स्लीपर सेल्स की जांच की जा रही है। ATS सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।