मंगल पांडे कि क्रांति पर टिप्पणी करने वाले गोविंद देव गिरी महाराज देश के क्रांतिवीरों और ब्राह्मण समुदाय से माफ़ी मांगे- महाकाल सेना

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) पिछले दिनों ब्यावर राजस्थान में राम जन्मभूमि कोषाध्यक्ष गोविंददेवगिरी द्वारा व्यासपीठ से हनुमंत कथा में शहीद मंगल पांडे पर टिप्पणी कर कहा कि मंगल पांडे के कारण देश भर में होने वाली क्रांति विफल हो गई। यदि मंगल पांडे चर्बीवाले कारतूस का विरोध नहीं करते तो देश 1857 में ही आजाद हो जाता क्योंकि क्रांति की ऐसी भूमिका बनाई गई थी जिससे एक साथ क्रांति प्रारम्भ होती और देश आजाद हो जाता।

महाकाल सेना के राष्ट्रीय प्रमुख महेश पुजारी ने कहा कि गोविंददेव गिरी जी ने हनुमंत कथा के विषय से भटककर व्यास पीठ से इतिहास में हुई 1857 की क्रांति को ही गलत ठहरा दिया जो देश के क्रांतिकारियों का अपमान है। मंगल पांडे पर गोविंददेव गिरी जी ने जो टिप्पणी की है, वह निराधार है। यदि गोविंद देव गिरी जी मंगल पांडे की क्रांति को सही नहीं मानते हैं तो उस समय देश में कौन क्रांति का नेतृत्व कर रहा था और किसने क्रांतिकारी योजना बनाई थी उसका नाम सार्वजनिक कर देश को बताने का कष्ट करे।
इतिहास साक्षी है कि 1857 की क्रांति के अग्रदूत व प्रथम नायक मंगल पांडे ही थे जिसने अग्रेजों के खिलाफ़ पूरे देश में क्रांति का शंखनाद किया था।
मंगल पांडे ने कारतूस पर लगी चर्बी हटाने का विरोध कर अपने ब्राह्मण धर्म का निर्वहन किया था उन्होंने अपने धर्म ओर देश के लिए अपने प्राण भी न्यौछावर कर दिए ऐसे महान क्रांतिकारी का अपमान असहनीय है। इसलिए महाकाल सेना गोविंद देव गिरी जी से देश के महान क्रांतिकारियों से माफ़ी की मांग करती हैं और यदि वह माफी नहीं मांगते हैं तो देश में आंदोलन किए जाएंगे और आवश्यकता पड़ी तो पुतले दहन भी किए जाएंगे।