महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जा रहे सामान्य साधु संतों का विरोध, बाहरी पुरोहितों ने की जिलाधीश से रोकने की मांग

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा मंदिर संचालन व्यवस्था में जो निर्णय लिए जाते हैं वह पूरी तरह पालन नहीं किए जा रहे हैं। नियमानुसार गर्भगृह में प्रवेश बंद के समय केवल आचार्य और महामंडलेश्वर ही प्रवेश कर सकते हैं।
लेकिन इन दिनों कई सामान्य साधु-संत गर्भगृह में जबरन प्रवेश कर जल चढ़ा रहे हैं। ऐसे सामान्य साधु-संतों पर रोक होना चाहिए। इस आशय का एक पत्र नगर के गणमान्य नागरिक और बाहरी पुरोहित पंडित वासुदेव शास्त्री, सुरेंद्र चौबे, पंकज रामदासी, महाकाल पाठक और राकेश जोशी ने जिलाधीश और मंदिर प्रशासक को भेजकर मांग की है कि जो साधु-संत और साध्वी मंदिर की पवित्रता व परंपरा के विपरीत गाउन, चोंगा, कुर्ता, लुंगी आदि वस्त्र धारण कर गर्भगृह में जाते हैं। अपने साथ बैग, लकड़ी, हथियार, पगड़ी, साफा, कैप, टोप आदि नियमों के विपरीत ले जाते हैं तो उन पर रोक लगाई जाना चाहिए। मंदिर में इन दिनों राधे राधे बाबा, मनीष महाराज, कमलेश महाराज सहित 10 ऐसे सामान्य साधु-संत है जो मंदिर समिति के नियमों को तोड़ते हुए गर्भगृह में जाकर जल चढ़ा रहे हैं। यदि ऐसा है तो समिति देश के प्रसिद्ध मंदिरों के पुजारी और तीर्थ पुरोहितों को भी जल चढ़ाने की अनुमति प्रदान करें। उन्हें भगवान को जल चढ़ाने से क्यों रोका जाता है। पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इन विषयों से अवगत कराने की बात कही गई हैं। साथ ही यह अनुरोध किया है कि सरकार द्वारा जिन लोगों को या संतों को पद प्रतिष्ठा प्रदान की गई है वह अपने लोगों और चहेतों के साथ महाकाल मंदिर की मर्यादा परंपरा को तोड़ने से नहीं चूक रहे हैं। यह देश के संविधान के खिलाफ हैं। इस पर भी रोक होनी चाहिए और ऐसे लोगों और संतों पर मंदिर की मर्यादा के पालन का आदेश पारित होना चाहिए। क्योंकि जब तक महाकाल मंदिर में नियम पालन नहीं होंगे तब तक मंदिर की व्यवस्था सुचारू नहीं होगी और मंदिर समिति द्वारा मंदिर हित में लिए जा रहे निर्णय सार्थक नहीं होंगे।