मोहन सरकार से आस पवित्र नगरी का गजट करो पास ….. स्वर्णिम भारत मंच के संघर्ष और ब्रह्मलीन संत प्रतीत राम के बलिदान के बाद सरकार ने  मांस मटन की दुकानें हटाने की हिम्मत दिखाई

उज्जैन ।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) पवित्र नगरी सहित प्रदेश भर में कुकुरमुत्ता की तरह  फैली हुई अंडे मांस मटन की दुकान हटाने की हिम्मत आखिर बैठते ही डॉक्टर मोहन यादव  सरकार ने दिखाई।   स्वर्णिम भारत मंच ने खुशी में मिठाई बांटी। स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव ने मांग पूरी होने पर इसका श्रेय ब्रह्मलीन संत प्रतीत राम जी के बलिदान को दिया   है । सर्व विदित है कि संत प्रतीत राम  रामस्नेही जी ने अपने जीवन काल में पवित्र नगरी की लड़ाई का बिगुल  बजाया था । उन्होंने हजारों की तादाद में पत्र  ज्ञापन  सरकार और प्रशासन को सौंपे थे । उनकी खनकदार  दमदार आवाज से   सरकार के नुमाइंदे  हिल जाया करते थे । उनके दबाव में नगर पालिका निगम ने 2004 में महाकाल मंदिर परिक्षेत्र के 2 किमी में से मांस मटन कत्लखाने हटाने का प्रस्ताव मप्र सरकार को भोपाल भेजा था लेकिन दुर्भाग्य वश   सरकार ने उस प्रस्ताव पर अमल नही किया । प्रतीत राम जी ने  जीवन के अंतिम क्षणों तक पवित्र नगरी  की  लड़ाई लड़ी लेकिन  कभी शासन प्रशासन  द्वारा मांस मटन की दुकानें हटाने का प्रयास  नही कर सका । उनके अलावा कोई नही था जो इतना साहस कर पाता  था । क्योंकि मांस मटन कत्लखाने का धंधा मुस्लिम समुदाय का अधिक रहता है इस कारण सांप्रदायिक ताकतों के आगे कौन खड़ा हो  । उनका आंदोलन केवल एक व्यक्ति तक ही रह गया था जन समर्थन नहीं मिलने से वे अकेले पड़ गए थे लेकिन उनके ही तपोबल के कारण पवित्र नगरी की लो जली थी 
अचानक  उनके देवस्थान के बाद यह लो ठंडी हो गई थी परंतु कहा गया है कि परमात्मा को कोई भी कार्य करवाना है तो वह किसी ने किसी को उसका माध्यम बनाकर भेज ही  देता है। 
 
जब स्वर्णिम भारत मंच ने शुरू किया आंदोलन तो घबरा गए अधिकारी ……
 
 संत प्रतीत राम जी के स्वर्गवासी होने के बाद पवित्र नगरी का आंदोलन स्वर्णिम  भारत मंच ने अपने हाथों में लिया और दमदार तरीके से मुकाबला किया । 15 दिनो में डेढ़ लाख लोगो के हस्ताक्षर  कराकर महाकाल मंदिर परिक्षेत्र के 2 किमी दायरे से मांस मटन  मदिरा  की दुकानें एवम कत्लखाने  हटाने की  आवाज को जन आंदोलन के रूप में खड़ा कर दिया । आन्दोलन  के  प्रभाव से तत्कालीन कलेक्टर कविंद्र कियावत ने आनन फानन में महाकाल क्षेत्र में मांस मटन बेचने पर रोक लगा दी । लेकिन केवल आदेश भर से काम नहीं चलना था लड़ाई अधूरी थी । स्वर्णिम भारत मंच ने पुर जोर ताकत झोंकी । कई ज्ञापन धरने दिए । संतो को जोड़ा गया वो उनको भी अनशन पर बैठना पड़ा । हर बार अधिकारियों ने शीघ्र हटाने का  आश्वासन दिया ।
 
मांस मटन मदिरा की दुकानें हटाने की 
रैली पर पत्थराव ……
 
 25 दिसंबर 2015  को स्वर्णिम भारत मंच ने मांस मटन कत्लखाने हटाने की मांग को लेकर भव्य वाहन रैली निकाली जिसमे 2000 से अधिक लोगो की संख्या जुट गई रैली का स्वरूप देख बौखला कर मांस विक्रेताओं ने रैली पर पत्थराव कर दिया देखते ही  देखते ही शहर में उप द्रव फेल गया । कलेक्टर को कर्फ्यू के आदेश देना पड़े ।  सिहंस्थ पर्व होने के कारण सरकार की तरफ से मामले को ठंडा करने का भरचक  प्रयास भी किया गया । गिरफ्तारी को  पुलिस ने रोक दिया ताकि  मामला  गरमा नही जाए । स्वर्णिम भारत मंच के कार्यकताओं पर  झूठा मुकदमा भी दर्ज किया गया । इसके बाद भी मंच के कार्यकर्ता नही रुके । सरकार के खिलाफ उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में एक जनहित याचिका दायर कर दी। पवित्र नगरी का गजट नोटिफिकेशन भी प्रस्तुत किया परन्तु गजट नोटिफिकेशन में पवित्र नगरी के सीमा क्षेत्र को बड़ाने से कोर्ट ने इंकार कर दिया तब  स्वर्णिम भारत मंच ने  असंतुष्ट होकर  याचिका से हट जाना  उचित समझा । 
 
 
जन आंदोलन की राह ………
 
स्वर्णिम भारत मंच ने संत प्रतीत राम राम स्नेही को यह आंदोलन समर्पित कर लड़ाई जारी रखी । मुस्लिम क्षेत्र में  3 बार कत्लखानों पर ताले लगाने  कार्यकर्ता पहुंचे । जिससे तनाव की स्थिति निर्मित होते देख 2017 में नगर निगम स्वास्थ उपायुक्त ने महाकाल क्षेत्र में मांस मटन के लाइसेंस निरस्त कर दिए तभी से नए लाइसेंस पर रोक लगी है । 2022 के बाद  महापौर मुकेश टटवाल के प्रयासों से नगर निगम ने एक बार फिर मुनादी पीट कर कोशिश की थी की दुकानें हट जाए पर सरकार की कमजोर नियत के चलते काम रुक गया । लेकिन बाबा महाकाल की कृपा से स्वर्णिम भारत मंच के संघर्ष और संत प्रतीत राम राम स्नेही का बलिदान काम आया । विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सरकार में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही डॉक्टर मोहन यादव ने  उज्जैन ही नही अपितु पूरे प्रदेश में सड़क पर बे रोक टोक चल रही मांस मटन बेचने पर रोक लगा दी । जिससे केवल स्वर्णिम भारत मंच ही नही अपितु सभी धर्म प्रेमी जनता को खुशी हुई । 
 
मोहन सरकार से आस पवित्र नगरी का गजट करो पास …..
स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव  ने कहा कि स्वर्णिम भारत मंच यह लड़ाई तब तक जारी रखेगा जब तक उज्जैन को पूर्ण पवित्र नगरी का दर्जा नही मिल जाता है । कई लोग असमंजस में मांग करते है कि उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित किया जाए बल्कि 2005 में सात शहरों समेत उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित किया जा चुका था जिसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है परंतु पवित्र नगरी का सीमा क्षेत्र बहुत कम है जिसका लाभ लेकर बाबा महाकाल की नगरी में वैध अवैध कत्लखाने मांस मटन की दुकानें चल रही है । अगर सरकार में कोई भी विधायक एक प्रस्ताव लगा दे तो उक्त गजट नोटिफिकेशन में संशोधन हो कर सीमा क्षेत्र बड़ आएगा।ब्रह्मलीन संत प्रतीत राम राम स्नेही जी के चरणों में नमन।