भगवान महाकाल के दरबार मे व्यवसायीकरण को बंद करें, गरीब भक्तों के दर्शन दुर्लभ बनाने वाली नीति का विरोध

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) बाबा महाकाल के दरबार में गरीब भक्तों के लिए भगवान के दर्शन दुर्लभ बनाने वाली नीति का समाजसेवी अजीत मंगलम ने पुरजोर विरोध किया है। साथ ही बाबा महाकाल के दर्शनों पर 200 से 1500 रूपये तय करने और उसकी रेट लिस्ट को तत्काल हटाने की मांग मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से की है।

नियमित दर्शन आरती भोग आरती मंडल के संयोजक  मंगलम ने कहा कि जो जो नया अधिकारी आता है वह अपने नए नियम महाकाल पर प्रयोग के तौर पर लागू कर देता है। आश्चर्य तब होता है जब यहां के जनप्रतिनिधि उन निर्णयों को मूकदर्शक बनकर देखते रहते हैं, सुनते रहते हैं कोई प्रतिक्रिया नहीं करते। विगत दिवस प्रशासक सोनी ने कहा कि कर्मचारियों द्वारा प्रोटोकॉल दर्शन में लाखों रुपए का रोज भ्रष्टाचार हो रहा है तो प्रोटोकॉल दर्शन बंद कर दिए, अब जब तुम्हारे कर्मचारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं तो सामाजिक क्षेत्र में काम कर रहे पत्रकार, जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि आदि लोगों के दर्शन बंद करने का क्या औचित्य है परंतु कोई सुनने वाला नहीं है। भगवान महाकाल सद्बुद्धि दे और इस व्यवसायीकरण को बंद करें। कब होगा ऐसे ही अगर यह प्रयोगशाला चलती रही तो जो महाकाल लोक बना है वहां जो इतने दर्शनार्थी उज्जैन आ रहे हैं निश्चित रूप से इन सब में कमी आएगी और शनै शनै समाप्त होता जाएगा। विगत दिवस सांसद अनिल फिरोजिया ने जरूर आवाज उठाई लेकिन उनकी आवाज को भी अधिकारियों ने दबा दिया। बड़ा आश्चर्य होता है कि यह अधिकारी हैं जिन्हें कुछ व्यवस्था का ज्ञान नहीं होता है। कोई साल भर के लिए आता, कोई 6 महीने, कोई 2 साल, 3 साल और नए नए प्रयोग करके अपना रास्ता पकड़ लेते हैं। जो महाकाल के भक्त हैं और बुद्धिजीवी हैं धर्म में अनुराग रखने वाले, समझने वाले, सनातन धर्म को समझने वाले जनप्रतिनिधि का कोई सुझाव नहीं लिया जाता।
केवल कमाई पर ध्यान, मान सम्मान दरकिनार
धर्म और आस्था को प्रशासन केवल कमाई का जरिया बनाने में लगा है। उन्हें श्रध्दालुओं के बाहर से आने वाले आस्थावानों की आस्था से कोई लेना देना नहीं है। यही कारण रहा कि महाशिवरात्रि पर रामघाट पर हुए दीपोत्सव में पत्रकार नैना यादव को भारी अव्यवस्था का शिकार होना पड़ा। महिला पत्रकार के मुताबिक उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया, मुख्यमंत्री की मौजूदगी में उनकी साड़ी पकड़कर खींची, नोचा और ये सब हुआ मुख्यमंत्री के सामने। मुख्यमंत्री ने माफी मांगी लेकिन कोई बात नहीं की। मुख्यमंत्री की पत्नी ने कहा भीड़ में ये सब हो जाता है। नैना यादव ने वीडियो जारी कर कहा कि मैं मध्यप्रदेश की बेटी होने पर गौरवान्वित महसूस करती थी, लेकिन मध्यप्रदेश में सांसद, मंत्री की मौजूदगी में हुए दुर्व्यवहार पर मुझे दुख हो रहा है।